एफिल टावर-इंडिया गेट और शिवाजी का घोड़ा देखना होगा तो आइए जमालपुर रेल कारखाना,कबाड़ से बना
केएम राज, जमालपुर (मुंगेर)। जमालपुर स्थित एशिया के पहले रेल कारखाने में मालगाड़ी के वैगन के कबाड़ से देश के धरोहरों की कलाकृतियां बनाई जा रही है। पूर्वोत्तर भारत के तीन कारखानों में यह पहला कारखाना है, जहां स्क्रैप से देश की आकृतियां बनाई जा रही हैं। कलाकृतियां कारखाने के इंजीनियर और तकनीशियन ही बना रहे हैं। मालगाड़ी में लगने वाले पार्टस ईएम पैड तथा वीपीसी पैड घिसावट के कारण व्यर्थ हो जाते है इन्हें वेङ्क्षल्डग करके नई रचना की जा रही है। इनका वजन भी बहुत ज्यादा होता है।
जिससे इंडिया गेट, शिवाजी का घोड़ा, स्टैच्यू आफ लिबर्टी, एफिल टावर, भगवान बुद्ध की प्रतिमा, क्रेन, तोप आदि की कलाकृतियां बनाई जा रही हैं। कारखाना के अधिकारी ने बताया कि इन कलाकृतियां की मांग भी शुरू हो गई है। जमालपुर नगर परिषद शहर में कलाकृतियों को लगाने का प्रस्ताव भी भेजा है। स्क्रैप से तैयार हुई कलाकृतियों का बाजार दर क्या होगा, इस पर अभी मंथन चल रहा है। कारखाने से हर दिन 20 से 25 टन से ज्यादा स्क्रैप निकलता है।
ओवर टाइम में निश्शुल्क बना रहे तकनीशियन
कबाड़ से कलाकृतियां बनाने के लिए इंजीनियिरों और तकनीशियनों को किसी तरह का शुल्क भुगतान नहीं हो रहा है। कारखाने के शाप में कार्यरत लगभग छह हजार कर्मी अपनी ड्यूटी समाप्त कर काम करते हैं। हर दिन अपना काम समाप्त करने के बाद दो से तीन घंटे स्क्रैप से कलाकृतियां बनाने में समय देते हैं। कारखाने के सभी पांचों शापों में स्क्रैप से कलाकृतियां बनाया जा रहा है। कारखाने के अलग-अलग शापों में प्रतिस्पर्धा के तौर पर सभी लोग कलाकृतियां बना रहे हैं।
कारखाने के डिप्टी डीजल धर्मेंद्र साखियां व डिप्टी प्रोडक्शन प्रेम प्रकाश के नेतृत्व में तकनीशियन हर दिन दो से तीन का समय देते हैं। इनकी कारीगरी का चर्चा पूर्व रेलवे मुख्यालय तक है।
भारतीय रेल में आकर्षण का केंद्र बनेगा जमालपुर
कारखाने के कुशल कारीगरों द्वारा स्क्रैप से बने देश के धरोहर की आकृति को शून्य डिग्री पर बनाकर समूह को आश्चर्यचकित कर दिया है। स्क्रैप से बने आकृति को देखने के बाद मुख्य कारखाना प्रबंधक सुदर्शन विजय ही नहीं बल्कि पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक ने सराहना करते हुए इसको बढ़ावा देने की बात कही है। स्क्रैप से बने धरोहर की डिमांड अब सरकारी प्रतिष्ठान में होने लगी है। इंटरनेट मीडिया पर खूब प्रचार-प्रसार हो रहा है। जमालपुर नगर परिषद ने शिवाजी का घोड़ा की डिमांड की है। कारखाना प्रशासन मंथन कर रहा है।
-कारखाने में एक अलग का संस्कृति की शुरुआत की गई है। यहां के कर्मवीर रेल कर्मियों स्क्रैप से देश के धरोहर की कलाकृतियां बना रहे हैं। इससे भारतीय रेल में अलग पहचान देखने को मिलेगा। काम को बढ़ावा दिया जा रहा है। संबंधित अधिकारी व रेलकर्मी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। -सुदर्शन विजय, मुख्य कारखाना प्रबंधक, रेल इंजन कारखाना, जमालपुर।