प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने सीएनजी बसें लाने की तैयारी शुरू,अप्रैल से सिटी में सीएनजी बसें उतारेंगे
पटना।
31 मार्च तक डीजल ऑटो-टेम्पो को राजधानी की सड़कों से हटाने की चौथी मियाद और इसके बाद डीजल बसों पर शिकंजे की तैयारी देखकर प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने सीएनजी बसें लाने की तैयारी शुरू कर दी है। अभी 250 से ज्यादा सिटी बसें डीजल से चल रही हैं। इन्हीं ऑपरेटरों में से 100 बस मालिकों ने 24 सीटर मिनी सीएनजी बसों को सिटी राइड के रूप में चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। चार ने बसें मंगा भी ली हैं।
अप्रैल अंत तक बसें चलाने की तैयारी के हिसाब से इन्हें अब परमिट का इंतजार है। परमिट का पेच फंस रहा है, क्योंकि प्राइवेट बस ऑपरेटर नवनिर्मित बैरिया बस टर्मिनल को जोड़ने वाला रूट परमिट चाह रहे हैं जबकि फिलहाल सरकार के स्तर से यह रूट निर्धारित ही नहीं हैं। निर्धारित रूट गांधी मैदान से है और उसपर अभी महज चार सीएनजी सरकारी बसें चल रही हैं। नतीजा यह है कि बाकी रूट के आम लोग रिजर्व टैक्सी, ऑटो या कई बार ऑटो बदलने की मुसीबत झेलने के साथ ज्यादा पैसा खर्च करने को मजबूर हैं।
लोन-ईएमआई को फाइनल करने में जुटे बस ऑपरेटर
भास्कर रिपोर्टर ने डीजल ऑटो-टेम्पो को सड़कों से हटाने की अंतिम मियाद को देखते हुए बस संचालकों से बात शुरू की तो सामने आया कि 100 से अधिक मिनी डीजल बस मालिक सीएनजी बस खरीदने के लिए कई कंपनियों से बात कर रहे हैं। इनमें से आधे से ज्यादा बस मालिक बैंक से लोन और ईएमआई को फाइनल करने में भी लगे हुए हैं।
कहा जा रहा है कि जिन बस मालिकों को पहले से डीजल वाली सिटी बसों का परमिट मिला हुआ है, उनकी ही सीएनजी बसों के लिए परमिट अपडेट होगा।
ऑपरेटरों की तेजी के 5 कारण
जिस तरह दानापुर स्टेशन, गांधी मैदान या एयरपोर्ट जाने-आने के लिए कई रूट निर्धारित हैं, उसी तरह प्राइवेट बस ऑपरेटर सीएनजी बसें चलाने के लिए बैरिया बस टर्मिनल को शहर के हर हिस्से से जोड़ने वाला रूट चाह रहे हैं। इस चाहत के पीछे 5 कारण हैं-
1. राजधानी के विभिन्न हिस्सों से अभी सीधे बस टर्मिनल जाने की रिजर्व छोड़ कोई अच्छी व्यवस्था नहीं है। बस मालिकों को इससे फायदा नजर आ रहा है।
2. डीजल ऑटो-टेम्पो बंद होने के बाद इनकी संख्या घटेगी तो बसों को फायदा होगा।
3. लोगों को शहर में सीएनजी बसों की आदत लग रही है, इसलिए ऐसी बसें सीधे टर्मिनल जाएं तो रिजर्व के आदी लोग भी इसे प्राथमिकता देंगे।
4. डीजल ऑटो-टेम्पो के बाद ऐसी बसों को भी बंद कराने का मौखिक अल्टीमेटम मिल चुका है, इसलिए बस मालिक उसका इंतजार नहीं करना चाहते।
5. ज्यादातर सिटी राइड बसें जर्जर हो चुकीं, नई खरीदनी है तो सीएनजी लें और फायदे वाले रूट को जोड़ें।
बस मालिकों ने कहा-
शहर के अंदरूनी हिस्सों के साथ आउटर से भी जोड़ेंगे टर्मिनल को
प्राइवेट नगर सेवा मिनी बस यूनियन के अध्यक्ष देवेन्द्र ने भी पुष्टि की कि बस मालिकों ने मिनी सीएनजी बस खरीदने की तैयारी में हैं। नगर सेवा बस मालिक बिट्टू यादव ने बताया कि सरकार रूट निर्धारित कर दे तो हमलोग अप्रैल से ही सीएनजी बसें उतार देंगे।
बस मालिक छोटू कुमार के मुताबिक सीएनजी बसें लाने के लिए बैरिया बस टर्मिनल का रूट परमिट मिलना जरूरी है। आम लोगों की जरूरत पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। शहर के अंदरूनी हिस्सों के साथ सगुना मोड़, फुलवारीशरीफ, कुर्जी, दानापुर, अनीसाबाद, बाइपास आदि से बैरिया बस टर्मिनल आने-जाने के लिए सुविधा देने की तैयारी है।