महिलाओं के कंधों पर देश की रफ्तार, एशिया के पहले रेल कारखाने में 600 फिमेल स्टाफ
पटना।जमालपुर (मुंगेर): ट्रेनों का सुरक्षित परिचालन जोखिम भरा काम है। अब इस जोखिम को चैलेंज के रूप में महिलाओं ने अपने कंधे पर लिया है। एशिया के पहला जमालपुर रेल कारखाना में मालगाड़ियों की मरम्मत और यार्ड में ट्रेनों का मेंटेनेंस होता है। यहां न सिर्फ मालगाड़ियों की मरम्मत होती है, बल्कि अगली बार सुरक्षित दौड़ाने के लिए उन्हें फिट भी किया जाता है। जरा सी लापरवाही हादसे का कारण बन सकती है। अब तक इस काम पर पुरुषों का वर्चस्व था, लेकिन आधी आबादी का भी दबदबा दिख रहा है। कारखाने के कुल पांच अलग-अलग शाप में लगभग छह सौ महिलाएं कार्यरत हैं। मरम्मत के कुछ ऐसे काम भी महिलाएं कर रही हैं, जिन्हें आमतौर पर भारी या पुरुषों का काम समझा जाता है।
नई सोच के साथ दक्षता का परिचय
कारखाना के विभिन्न शापों में आधी आबादी दक्षता साबित करने में तकनीशियन बनकर काम कर रही है। बेस्ट वेङ्क्षल्डग के साथ-साथ 40 टन ओवरहेड क्रेन चला रही है। क्रेन के माध्यम से मालगाड़ियों का वैगन, व्हील को एक शाप से दूसरे शाप ले रही हैं। कारखाना के बीएलसी, डब्ल्यूआरएस- दो, वैगन शाप, डीजल शाप सहित दूसरे शापों में महिलाएं अपने कामों को बखूबी से निर्वहन कर रही है। कारखाना प्रशासन सभी महिला कर्मियों के सुरक्षा व संरक्षा पर विशेष ध्यान देती है। यहां काम कर रही महिला रेलकर्मी डीजी कुमारी, अन्नपूर्णा कुमारी, सुचित्रा हाजरा, रेनू देवी, सुनीता देवी, अमिला देवी, प्रियंका देवी, सुनीता देवी, चंदा कुमारी, उमा कुमारी सहित कई ने बताया कि पुराना वक्त समाप्त हो गया। नई सोच के साथ आज की महिला पुरुष के साथ कदम से कदम हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है।
नजीर बनी है सीनियर सेक्शन इंजीनियर कविता
कारखाना के 160 वर्ष के इतिहास में पहली बार कोई महिला रेलकर्मी सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद पर कार्यरत है। महिला सशक्तीकरण के लिए किसी नजीर से कम नहीं है। कारखाना में सात हजार कर्मचारी में लगभग छह सौ महिलाएं हैं। इनके बीच सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद पर कार्यरत कविता कुमारी डीपीएस शाप में अपना हुनर दिखा रही है।
प्रोत्साहित करने को स्क्रैप से बना है महिला कर्मी की विशाल प्रतिमा
कारखाना में महिलाओं को आगे बढ़ाने और प्रोत्साहित करने के लिए मुख्य कारखाना प्रबंधक व कर्मठ डिप्टी के नेतृत्व में एक विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है। स्क्रैप से बनी प्रतिमा महिला वेल्डर का है। इसके पीछे एक ही उद्देश्य है कि महिला अपने आप को अधिक शक्तिशाली महसूस करें। किसी काम से डरे नहीं। पुरुषों से महिला अपने आप को कमजोर व कम नहीं समझें।