बिहार के इस जिले में सबसे बड़ा तैरता हुआ बिजली घर बनकर तैयार,जल्द होगा शुरू
पटना.: बिहार का सबसे बड़ा तैरता हुआ बिजली घर बनकर तैयार हो गया है, जिसके बाद अब बिजली का उत्पादन यहीं से किया जायेगा. जानकारी के मुताबिक, यह बिहार का तीसरा फ्लोंटिंग पावर प्लान्ट है लेकिन, राज्य का सबसे बड़ा है. फ्लोटिंग पावर प्लान्ट का निर्माण नवादा के फुलवारिया जलाशय में किया गया, जो कि लगभग बनकर तैयार हो गया. अगले महीने यानी कि जुलाई महीने में इससे बिजली उत्पादित भी होने लगेगी. यहां से 10 मेगावाट बिजली उत्पादित होगी.
यहां भी बनाया जाएगा फ्लोटिंग पावर प्लान्ट
वहीं, बिजली कंपनी अधिकारियों से मिली जानकारी की माने तो, नवादा के फुलवरिया जलाशय में बीते कई महीने से काम चल रहा था. रेस्को मोड के तहत इस बिजली घर का निर्माण हो रहा है. यानी कि निर्माण एजेंसी पूरी राशि खर्च कर रही है और कंपनी उत्पादित बिजली को 3.87 रुपए यूनिट की दर से खरीद करेगी. कंपनी की ओर से बिजली उत्पादन का काम शुरू करने का लक्ष्य जुलाई महीने तक का रखा गया है. बता दें कि, नवादा के अलावा कैमूर के दुर्गावती जलाशय में 10 मेगावाट का ही फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बनाया जाएगा. इसके लिए कंपनी ने निविदा जारी कर दी है.
जापान में सबसे पहले हुआ था चालू
खबर की माने तो, नीचे मछली-ऊपर बिजली योजना के अंतर्गत उत्तर-दक्षिण बिहार में दो-दो मेगावाट का बिजली घर बनाने के लिए सर्वे शुरू है. राज्य में दरभंगा में फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट चालू है और यहां से 1.6 मेगावाट बिजली उत्पादित हो रही है. तो वहीं, सुपौल के राजापोखर तालाब में भी फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बनाया गया है. यहां से 525 किलोवाट बिजली उत्पादित हो रही है. बता दें कि, सबसे पहले तैरती हुई सौर संरचना जापान में थी. लेकिन, उसके बाद कई अन्य देशों भी मल्टी-मेगावाट क्षमता वाले प्लांट स्थापित किए जाने लगे. वहीं, बिहार को लेकर कहा जा रहा है कि, 3300 से अधिक तालाब और जलाशय हैं. जिसके लेकर कहा जा रहा है कि, अगर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बनाई जाए तो, सैकड़ों मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकता है.