बिहार में कार से दोगुना अधिक बिकती हैं बाइक और स्कूटी; बस, कैब के मामले में पूरे देश में टॉप।
पटना। Bihar Economic Survey 2022: बिहार में कोरोना संक्रमण के बावजूद गाड़ी खरीदने वाले कम नहीं हुए हैं। बिहार सरकार के उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने शुक्रवार को विधानसभा में बिहार आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इसके अनुसार राज्य में सबसे अधिक दोपहिया गाड़ी यानी बाइक व स्कूटी आदि की खरीद होती है। इसके बाद आटो या टेंपो दूसरे और कार तीसरे स्थान पर है। वर्ष 2019-20 में राज्य में कुल 13.50 लाख वाहन निबंधित हुए। इसमें 11.29 लाख दोपहिया, 79 हजार आटो और 62 हजार कार है। इस साल लाइसेंस बनाने वालों की संख्या भी दोगुनी से अधिक हुई।
वर्ष 2018-19 में 3.80 लाख लोगों ने लाइसेंस बनाया था, जबकि वर्ष 2019-20 में 8.72 लाख लोगों ने लाइसेंस बनाए। राजस्व संग्रहण पांच सालों में दोगुने से अधिक हो गया है। वर्ष 2015-16 में 1071 करोड़ था जो 2019-20 में बढ़कर 2713 करोड़ हो गया है। हालांकि कोरोना के कारण वर्ष 2020-21 में यह प्रभावित रहा और घटकर 2,268 करोड़ पर आ गया।
सबसे अधिक दोपहिया की खरीद, आटो दूसरे व कार तीसरे नंबर पर
परिवहन विभाग का राजस्व संग्रहण पांच सालों में हुआ दोगुने से भी ज्यादा
वाहनों के निबंधन में बिहार देश में अव्वल
बस, ट्रक, आटो, टैक्सी जैसे परिवहन यानी सार्वजनिक वाहनों के निबंधन के मामले में बिहार देश में सबसे अव्वल रहा। वर्ष 2020 में बिहार में सर्वाधिक एक लाख 23 हजार परिवहन वाहनों का निबंधन हुआ। इसमें एक हजार बसें, 18 हजार ट्रकें, 51 हजार तिपहिया वाहन, तीन हजार टैक्सी या कैब और करीब 50 हजार अन्य वाहन रहे। वहीं एक लाख 22 हजार निबंधित परिवहन वाहनों के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे और एक लाख 19 हजार वाहनों के साथ महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर रहा।
अगर परिवहन व गैर परिवहन दोनों वाहनों को मिला दें तो बिहार का स्थान देश में आठवां है। 2020 में बिहार 10.35 लाख वाहनों का निबंधन हुआ। इस मामले में उत्तर प्रदेश 26.29 लाख वाहनों के साथ पहले, महाराष्ट्र 17.76 लाख वाहनों के साथ दूसरे और तमिलनाडु 14.92 लाख वाहनों के साथ तीसरे स्थान पर है।