पटना में जुटे साधु-संतों ने दी सरकार को चेतावनी, मठ-मंदिरों को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने का विरोध
पटना सिटी। पटना में जुटे साधु-संतों ने गुरुवार को सरकार की कथित नीति के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई। संतों ने कहा कि वे सभी सरकार द्वारा मठ मंदिरों की संपत्ति को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किए जाने की प्रक्रिया के विरोध में हैं। इसे लेकर गुरुवार को मंदिर मठ बचाओ अभियान समिति की ओर से मालसलामी चरखी पर विभिन्न जिलों से आए साधु-संतों ने आंदोलन की चेतावनी दी। साधु-संतों ने कहा कि मठ और मंदिर हिंदू समाज के हैं। इन पर किसी तरह का कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार अगर इस दिशा में कदम उठाती है तो इसका विरोध होगा ही। गलत कदम उठाने वाले को नतीजे भी भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।
सभा में ये लोग रहे मौजूद
सभा में कामेश्वर चौपाल, राष्ट्रीय संयोजक स्वामी धर्मदास, महंत सत्यदेव दास, महंत बालक दास, महंत मनभंग साहब, महंत महेंद्र दास, महंत दयानंद मुनि, महंत गजेंद्र दास समेत अन्य ने कहा कि मठ-मंदिरों के अलावा अन्य पंथ की संपत्तियों के प्रति भी सरकार इसी तरह का नियम कानून लागू करे।
बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड भी कर रहा जांच
बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड राज्य के सभी मठ और मंदिरों को अनिवार्य निबंधन के लिए प्रेरित कर रहा है। इसके लिए तमाम जिलों के डीएम से भी मदद मांगी गई है। तमाम जिलों से ऐसे मंदिरों की सूची मांगी गई है, जिनका निबंधन अब तक नहीं हो सका है। एक बार निबंधन होने पर न्यास बोर्ड संबंधित मंदिर की वार्षिक आय से एक निश्चित हिस्सा अपने खर्च के लिए लेता है। राज्य में इसका भी कुछ मठ-मंदिर विरोध कर रहे हैं। आपको बता दें कि राज्य में कई निबंधित मठ और मंदिर भी न्यास बोर्ड को नियमित रूप से राशि जमा नहीं करते हैं।