कोरोना को लेकर आइजीआइएमएस में मरीजों और परिजनों के लिए मास्क अनिवार्य,अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया
पटना : पटना में कोरोना के दो मरीज मिलने के शहरी क्षेत्रों में चिंता का माहौल है. दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा है. इसको देखते हुए अब पटना भी अलर्ट दिखने लगा है. शहर के आइजीआइएमएस में सोमवार को माइक से एनाउंसमेंट कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही डॉक्टरों के चैंबर में आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को मास्क लगाने को कहा गया. इतना ही नहीं, संस्थान में आने वाले मरीजों व उनके परिजनों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया गया है. रोजाना सुरक्षाकर्मियों के माध्यम से माइक से एनाउंसमेंट व नियम का पालन करने पर नजर रखने को कहा गया है.
इसके साथ ही पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, पटना एम्स, एनएमसीएच के साथ-साथ छोटे सरकारी अस्पतालों को भी अलर्ट पर रखा गया है. रविवार को बेली रोड स्थित एक बड़े निजी अस्पताल में कोरोनों के दो मरीज मिले थे. विशेषज्ञों के अनुसार राहत की बात यह है कि अब तक कोरोना के ज्यादातर मरीजों में हल्के लक्षण ही हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि दक्षिण एशिया में कोरोना के मामलों में यह उछाल संभवतः जेएन.1 वैरिएंट (ओमिक्रॉन का एक उप-वैरिएंट) के कारण हो रहा है. एक्सपर्ट्स की मानें, तो यह वायरस काफी सक्रिय है, लेकिन इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चिंताजनक वैरिएंट के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है.
विशेषज्ञों की राय: घबराएं नहीं, समझदारी दिखाएं
न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के निदेशक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि अभी विश्व में जेएन-1 वेरिएंट से केस बढ़ने की खबर आ रही है, लेकिन भारत में अभी बहुत कम केस हैं. ऐसे में किस वेरिएंट के केस बढ़ रहे हैं, यह स्पष्ट नहीं है. जीनोम सीक्वेंसिंग के माध्यम से सही पुष्टि होगी. हालांकि, जेएन.1 वेरिएंट से राहत की बात यह है कि इससे ज्यादा मौतें नहीं हो रही हैं. लेकिन, बच्चों, बुजुर्गों व गर्भवती को सावधानी बरतनी जरूरी है.