PM के उद्घाटन के दूसरे दिन टपक रहा पानी:18.93 करोड़ से बना पीरपैंती स्टेशन
भागलपुर में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पीरपैंती स्टेशन का निर्माण हुआ है। इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। उद्घाटन के महज 48 घंटे यानी दूसरे दिन शुक्रवार को हल्की बारिश के दौरान शेड से पानी टपकने लगा। इससे यात्री और स्थानीय लोग नाराज हैं और निर्माण काम की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं।
स्थानीय सुनील कुमार ने बताया कि निर्माण काम के दौरान ही उन्होंने इस बारे में रेलवे अधिकारियों को शिकायत की थी। लेकिन अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से मानक के अनुरूप काम नहीं कराया गया। उद्घाटन के समय शेड को तिरपाल से ढक दिया गया था।
नतीजतन उद्घाटन के दूसरे ही दिन स्टेशन की पोल खुल गई। 18.93 करोड़ की लागत से बने इस नए भवन का उद्घाटन गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से किया था। इस मौके पर पीरपैंती और कहलगांव के विधायक, डीआरएम समेत रेलवे के वरीय अधिकारी मौजूद थे।
उद्घाटन से पहले शेड को तिरपाल से ढका
स्थानीय लोगों का कहना है कि उद्घाटन से पहले स्टेशन पर लगाए गए शेड की छत को तिरपाल से ढक दिया गया था, ताकि बारिश का पानी टपके नहीं। लेकिन शुक्रवार की हल्की बारिश में ही पानी टपकने लगा, जिससे लोगों में गुस्सा हैं.
पौधे भी अधिकारी ले गए वापस
उद्घाटन के समय जो गमले में पौधे लाकर स्टेशन परिसर को सजाया गया था, उन्हें भी शुक्रवार को रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी वापस ले गए। इस पर भी लोगों ने नाराजगी जताई।स्टेशन प्रबंधक अजय कुमार ने बताया कि स्टेशन का काम अभी निर्माणाधीन है। कुछ जगहों पर नट के पास से पानी टपक रहा है, जिसे जल्द ही कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट से ठीक कराया जाएगा। गमले हटाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी जवाबदेही कार्यक्रम प्रभारी की थी।
18.93 करोड़ से रेलवे स्टेशन का किया गया रेनोवेशन
बता दें कि पीरपैंती स्टेशन को 18.93 करोड़ की लागत से रेनोवेट किया गया है। स्टेशन पर फैसिलिटीज को बढ़ाते हुए लिफ्ट लगाया गया है, जिससे यात्रियों को सामान ले जाने में आसानी हो।इसके अलावा, स्टेशन के लुक को बढ़ाने के साथ-साथ अराइवल और डिपार्चर ब्लॉक, पैदल यात्री मार्ग, आकर्षक मूर्तियां लगाई गई हैं।
स्टेशन की डिजाइन और इंटीरियर स्थानीय कला और आसपास के ऐतिहासिक स्मारकों से प्रेरित है, जो आधुनिक वास्तुकला को क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत के साथ जोड़ता है।ये मिश्रण पीरपैंती स्टेशन को एक अलग पहचान देता है, जो बिहार की समृद्ध परंपराओं को दर्शाता है।