बिहार में बेटियों ने दिया मां की अर्थी को कंधा, सरकारी नौकरी करती हैं तीन में से दो बेटियां ।
पटना।। भोजपुर जिले में दो बेटियों ने बेटों का फर्ज निभाया। मां की अर्थी को कंधा को कंधा भी दिया। यह वाक्या है जिले के गड़हनी प्रखंड अन्तर्गत सुअरी गांव की। जहां, बेटियों ने समाजिकता अवधारणा को दरकिनार कर अपनी मां की शव यात्रा में बेटों की तरह भूमिका निभाई। आगे-आगे दोनों बेटियां अर्थी को कंधा देकर चली रही थी और पीछे-पीछे गांव-समाज के लोग। नजारा देखने लायक था। मृतका पुष्पा देवी भाकपा-माले के जिला सचिव जवाहर लाल सिंह की पत्नी और पार्टी की सदस्य थीं। उनका अंतिम संस्कार बड़हरा के महुली घाट पर बड़ी संख्या में उपस्थित माले नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित और दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। आपको बताते चलें कि पुष्पा देवी को कुल तीन बेटियां ही हैं। एक बेटी बैंक में है। दूसरी बेटी का चयन दारोगा में हुआ है।
दिवंगत मां पुष्पा देवी के अर्थी को कंधा उनकी बेटियाें रिंकी कुमारी और झिंकी कुमारी ने दिया। पार्टी की परंपरा के अनुसार उन्हें पार्टी का झंडा उनके पार्थिव शरीर पर समर्पित किया गया। श्रद्धांजलि सभा में भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य स्वदेश भट्टाचार्य, पार्टी राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य अमर, विधायक मनोज मंजिल, विधायक सुदामा प्रसाद, केन्द्रीय कमेटी सदस्य राजू यादव, इंसाफ मंच के राज्य सचिव क्यामुद्दीन अंसारी, नगर सचिव दिलराज प्रीतम, आइसा के राज्य सचिव शब्बीर कुमार आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।
इनके अलावा जिला कमेटी सदस्य राजनाथ राम, रामानुज, निरंजन केशरी, अजय गांधी, इंदू सिंह, रघुवर पासवान, उपेन्द्र भारती, महेश राम, हरेन्द्र सिंह, नंदजी, विष्णु ठाकुर, शिवमंगल यादव, कृष्ण कुमार निर्मोही, कर्मचारी महासंघ के सचिव उमेश कुमार सुमन, रामानंद यादव, मिथिलेश कमार, अखिलेश कुमार, अमित बंटी, पूर्व महापौर अवधेश यादव, छात्र राजद नेता भीम यादव, जदयू नेता अजय सिंह, विमल सिंह घायल, दीनानाथ, उपेन्द्र यादव, मुन्ना कुशवाहा आदि थे।