ये मेरा बचपन का प्यार है,60 का वकील, 50 की डॉक्टर को लेकर भागा,दोनों शादीशुदा
पटना.पूर्णिया में 60 साल का एडवोकेट 11 मई की दोपहर 50 साल की महिला डॉक्टर को लेकर फरार हो गया। दोनों स्कूल टाइम से ही दोस्त थे। महिला डॉक्टर के घर नहीं पहुंचने पर उसके पति ने पुलिस से शिकायत की।खोजबीन और जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने 5वें दिन यानी शुक्रवार को एडवोकेट और महिला को सहरसा से बरामद किया। महिला को भगाने वाला आरोपी एडवोकेट भी शादीशुदा है। दोनों के दो-दो बच्चे भी हैं।
उधर, जब महिला की बरामदगी की सूचना उसके पति को मिली तो वो थाने पहुंचा। जब उसे पूरी कहानी पता चली तो उसने अपनी पत्नी को साथ रखने से इनकार कर दिया है।इसके बाद महिला डॉक्टर को उसके बचपन के दोस्त एडवोकेट के घर भेज दिया गया, जबकि एडवोकेट को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामला शहर के के. हाट थाना क्षेत्र के प्रभात कॉलोनी स्थित डॉनर चौक इलाके का है।
सहरसा के प्रोफेसर कॉलोनी का रहने वाला है एडवोकेट
एडवोकेट की पहचान संजीव कुमार के रूप में हुई है, जो सहरसा के प्रोफेसर कॉलोनी का रहने वाला है। के.हाट थाना की पुलिस को दिए बयान में एडवोकेट संजीव कुमार ने बताया- ‘वो महिला डॉक्टर को बचपन से जानता है। दोनों स्कूल टाइम से अच्छे दोस्त रहे हैं। महिला उसके बचपन की प्यार है।”मेरी प्रेमिका MBBS की पढ़ाई पूरी कर डॉक्टर बन गई। मैं लॉ कर एडवोकेट बन गया। हालांकि, जब हम दोनों अपने पैरों पर खड़े हो गए और घरवालों से रिश्ते के बारे में बताया, तो दोनों के घरवालों ने शादी की मंजूरी नहीं दी।”इसके बाद मेरी प्रेमिका की शादी किसी डॉक्टर से कर दी गई। मेरी भी शादी हो गई।’
30 साल बाद क्लिनिक में मुलाकात हुई
एडवोकेट ने बताया- ‘काफी साल तक हम दोनों एक दूसरे से नहीं मिले। करीब एक साल पहले 2024 में 30 साल बाद मेरी मुलाकात मेरी प्रेमिका के क्लिनिक में हुई। एक ही मुलाकात में हम दोनों दोबारा एक दूसरे के करीब आ गए।’हम दोनों की फिर से बातचीत शुरू हो गई। दोनों लगातार क्लिनिक और होटलों में मिलने लगे। संजीव ने बताया कि मई के पहले सप्ताह में हम दोनों ने आगे की जिंदगी एक साथ बिताने का फैसला किया। इसी के बाद 11 मई को मैं अपनी डॉक्टर प्रेमिका के साथ सहरसा आ गया।’
डॉक्टर का पति बोला- 11 मई को गायब हुई पत्नी, फोन बंद था
वहीं, के हाट थाना क्षेत्र में रहने वाली महिला के पति ने पुलिस को दिए बयान में बताया- ‘मेरी पत्नी 11 मई की दोपहर करीब 1 बजे रोजाना की तरह अपने क्लिनिक के लिए घर से बैग और पर्स लेकर निकली।काफी रात होने पर भी जब वो घर वापस नहीं आई तो मैंने उसे फोन किया, लेकिन मोबाइल बंद था। इसके बाद क्लिनिक पर फोन करने के अलावा अन्य जानने वालों और रिश्तेदारों के घर फोन किया। ससुराल में फोन कर पता लगाया, मगर कहीं कुछ पता नहीं चल सका।’
मामले की जानकारी देते हुए के.हाट थानाध्यक्ष उदय कुमार ने बताया- ‘अपहरणकर्ता वकील संजीव कुमार और डॉक्टर के पत्नी को सहरसा से बरामद कर न्यायालय में पेश किया। महिला का 183 और 184 के तहत बयान दर्ज किया गया। न्यायालय के आदेश पर एडवोकेट को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।’