थानेदार ने रुपए लेकर शराब तस्कर व आर्म्स एक्ट के आरोपी को छोड़ा, हुए सस्पेंड
बेगूसराय। एक मुखिया और चिकित्सक से दुर्व्यवहार करने के आरोप में लाइन हाजिर सिंघौल थाना के पूर्व अध्यक्ष अमित कुमार का एक और मामला सामने आया है। अमित कुमार ने आर्म्स एक्ट और शराब तस्करी के एक आरोपी को घुस लेकर थाना से ही छोड़ दिया था। मामला आला अधिकारियों के संज्ञान में आने पर जब जांच हुई तो थानेदार का ये कारनामा सामने आया है जिसने पुलिस विभाग को शर्मसार कर दिया।
डीआईजी आशीष भारती ने सब इंस्पेक्टर अमित कुमार को शराब तस्कर और आर्म्स एक्ट के आरोपी को गिरफ्तार कर रुपए का लेनदेन कर छोड़ने के आरोप में सस्पेंड कर दिया है। डीआईजी आशीष भारती ने बताया कि अमित कुमार जब सिंघौल थाना के प्रभारी थे तब उन्होंने एक आरोपी को गिरफ्तार किया और थाना परिसर में बैठा कर रखा तथा रुपए का लेनदेन किया और आरोपी को थाना से ही पर बांड पर छोड़ दिया।
गिरफ्तार आरोपी के अभियुक्तिकरण के बिंदु पर किसी प्रकार की जांच नहीं की गई। ना हीं अनुसंधानकर्ता को आरोपी के गिरफ्तार करने की सूचना दी गई। डीआईजी आशीष भारती ने बताया कि यह मामला जब उनके संज्ञान में आया तब उन्होंने इसकी जांच करने का आदेश एसपी मनीष कुमार को दिया। मनीष कुमार ने जांच कर इस मामले में अमित कुमार को दोषी पाया इसके बाद उन्होंने अमित कुमार को सस्पेंड कर दिया ।
बांड पर छोड़ने का थाना दैनिकी में कोई एंट्री नहीं किया आरोपी को थाना से बांड पर छोड़ने के बारे में थाना दैनिकी में कोई एंट्री नहीं किया गया। जांच में यह बात भी सामने आई है कि जिस अभियुक्त को थाना से छोड़ा गया है, उसका कांड के अन्य आरोपियों के साथ मोबाइल पर लंबी बातचीत है। अमित कुमार के खिलाफ की गई जांच में यह सभी तथ्य सामने आये है। डीआईजी आशीष भारती ने बताया कि सिंघौल थाना कांड संख्या 31/ 25 इसी साल 26 फरवरी को दर्ज किया गया।
मुखिया और डॉक्टर के साथ बदतमीजी के आरोप में लाइन हाजिर हुए थे अप्रैल में अमित कुमार रजौडा पंचायत के मुखिया और प्रतिष्ठित महिला चिकित्सा के साथ दुर्व्यवहार के आरोप में लाइन हाजिर तब हुए थे जब उन्होंने सिंघौल थाना अध्यक्ष रहते हुए थाना परिसर में रजौरा के मुखिया और शहर की एक प्रतिष्ठित महिला डॉक्टर के साथ मारपीट और बदतमीजी की थी। इलाके में गुंडों जैसे छवि थी अमित कुमार की सिंघौल थाना अध्यक्ष अमित कुमार की इलाके में छवि गुंडों जैसी थी। उनका दहशत किसी अपराधी से कम नहीं था।
गांव, चौराहा और सार्वजनिक जगह पर आम पब्लिक के साथ मारपीट करना उनके स्वभाव में शामिल था। इस तरह का आरोप उन पर कई बार लग चुका है। परिसर में जनप्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए भी इलाके में उनका खाता आतंक था। जब वह बखरी में प्रशिक्षु दारोगा थे तब जनप्रतिनिधि के साथ दुर्व्यवहार के आरोप में सस्पेंड हुए थे। जानकारी के अनुसार मंझौल और साहेबपुरकमाल में भी हुए अपने गलत आचरण के कारण ही सस्पेंड हुए थे। योगेन्द्र कुमार ने एसपी रहते हुए उनपर कई बार कार्रवाई की थी। मनीष कुमार ने इन्हें सिंघौल का थाना प्रभारी बनाया था।