“समस्तीपुर:स्कूलों में बेंच-डेस्क पर 33.66 करोड़ रुपए खर्च,1 साल में ही अधिकतर क्षतिग्रस्त
समस्तीपुर.जिले के सरकारी स्कूलों में बेंच-डेस्क की आपूर्ति में भारी गड़बड़ी सामने आई है। शिक्षा विभाग ने वर्ष 2023-24 में 66 हजार बेंच-डेस्क खरीदने के लिए 35.80 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। इनमें से 33.66 करोड़ रुपए की राशि 64 एजेंसियों को भुगतान कर दी गई। इसके बावजूद कई स्कूलों में आज भी बच्चे ज़मीन पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। जांच में सामने आया कि बेंच-डेस्क की आपूर्ति के लिए जिन एजेंसियों का चयन हुआ, उनका फर्नीचर से कोई लेना-देना नहीं था। सूत्रों के अनुसार, कुछ कथित वेंडरों ने मनमाफिक तरीके से लेटर हेड बनाकर दावेदारी पेश की। उन्हें काम भी मिला, बिल भी जमा हुआ और भुगतान भी हो गया। मार्च 2024 के अंत में वित्तीय वर्ष की बची राशि को खर्च करने के लिए जल्दबाजी में बेंच-डेस्क की आपूर्ति की गई। एजेंसियों ने सीधे स्कूलों के प्रधानाध्यापकों से संपर्क कर बेंच-डेस्क दे दिए। एक सेट के लिए लगभग 5000 रुपए के वाउचर बनाए गए।
लेकिन गुणवत्ता इतनी खराब रही कि प्लाई और सनमाइका अभी से उखड़ने लगे हैं।कई स्कूलों में बेंच-डेस्क की लकड़ी टूटी-फूटी, मुड़ी हुई और घटिया क्वालिटी की पाई गई। शीशम और आम की लकड़ी की जगह सनमाइका और कमजोर प्लाई का इस्तेमाल किया गया। कुछ में लोहे का फ्रेम लगाया गया, लेकिन उसकी मोटाई मानक के अनुसार नहीं थी। कच्ची लकड़ी से बने बेंच-डेस्क में दरारें आ गई हैं और दीमक भी लग चुकी है। रोसड़ा, विभूतिपुर, विद्यापतिनगर, मोहनपुर, मोरवा, सरायरंजन जैसे प्रखंडों में पहले भी गड़बड़ी की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। कई स्कूलों में जरूरत से अधिक बेंच-डेस्क भेज दिए गए, जबकि कई स्कूलों में एक भी नहीं पहुंचे। तीन फेज में करीब 1700 प्राथमिक, मध्य और उच्च विद्यालयों को बेंच-डेस्क की आपूर्ति की गई थी। जो मानक के विपरीत है।
सूबे में 18 लाख बेंच डेस्क की हुई थी खरीद, चल रही जांच बिहार के सरकारी विद्यालयों में 890 करोड़ रुपये से फर्नीचर की खरीद की गई जिसमें 18 लाख बेंच डेस्क की खरीद की गई है। शुरुआती जांच में 45 हजार से ज्यादा बेंच-डेस्क की गुणवत्ता खराब पायी गयी थी। इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने आपूर्ति करने वाली एजेंसी पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। साथ ही सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा गया था कि प्रत्येक विद्यालय में आपूर्ति किए गए बेंच-डेस्क की गुणवत्ता की जांच सुनिश्चित कर उसकी रिपोर्ट दें।इसके पीछे विभाग का यही लक्ष्य था कि सरकारी विद्यालयों में कोई भी बच्चा बेंच-डेस्क के अभाव में जमीन पर बैठकर पढ़ाई नहीं करे।
^दरभंगा और मधुबनी में गुणवत्ता की जांच की गई है। लेकिन समस्तीपुर में बेंच डेस्क की गुणवत्ता की जांच की कोई जानकारी नहीं है। जानकारी मिलते ही साझा की जाएगी। – सत्येन्द्र कुमार, आरडीडीई, दरभंगा