Sunday, April 20, 2025
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“गिरिराज को टी-शर्ट का कलर बताने के लिए वोट मिला?कन्हैया बोले-बढ़ रहा सूखा नशा

बेगूसराय में NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी और JNU छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. कन्हैया कुमार ने कहा, गिरिराज सिंह बोलते भी हैं क्या। जहां बोलना चाहिए वहां तो बोलते नहीं हैं। मक्का अनुसंधान केंद्र यहां से जा रहा था तो कुछ नहीं बोले। उनको लोगों ने वोट दिया है बेगूसराय का मुद्दा उठाने के लिए, न कि राहुल गांधी के टी-शर्ट का कलर बताने के लिए।

लोगों ने इसलिए वोट दिया कि सबके खाते में बीजेपी 15-15 लाख रुपया पहुंचाएगी। हर साल 2 करोड़ नौकरी मिलेगी, किसानों की आमदनी दोगुनी की जाएगी, जवानों को नौकरी दी जाएगी, महिलाओं को सुरक्षा दी जाएगी। वे तीसरी बार सरकार में हैं, दो-दो बार मंत्री बने हैं, काम क्या किए हैं, यह बताने के बदले राहुल गांधी के टी-शर्ट का कलर बता रहे हैं। गिरिराज सिंह बुजुर्ग हैं, मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य के कामना करता हूं, वह स्वस्थ रहें।

इसके अलावा कहा बेगूसराय में सूखा नशा बढ़ रहा। किसी भी कॉलेज में देख लीजिए, वहां साइड में सिरिंज मिल जाएगा। हमारे बिहार के नौजवानों को ड्रग्स की ओर धकेला जा रहा है, यह बात सभी लोगों को मालूम है। अडाणी के पोर्ट पर एक-एक बार में हजारों करोड़ का ड्रग्स पकड़ा जा रहा है ।

अडाणी के पोर्ट से ड्रग्स चलता है और जहां से पलायन हो रहा है, जहां नौजवानों को रोजगार नहीं मिलता है, वहां भेज कर नशे की ओर धकेला जा रहा है। जब सरकार नौकरी देखने में विफल है तो जान-बूझकर संप्रदाय और पहचान के आधार पर लोगों को लड़ाया जा रहा है। सरकार अपनी असफलता और नौकरी नहीं देने की बात छुपाने के लिए समाज में जहर और नफरत घोल रही है।

हर घंटे में 2 जवान आत्महत्या करते हैं

कन्हैया ने कहा कि आज यात्रा का 23वां दिन है। हम जिस जिले से गुजर रहे हैं, वहां के स्थानीय मुद्दों को उठाते हैं। यह किसी को एमएलए, एमपी, मंत्री, मुख्यमंत्री बनाने की यात्रा नहीं है। यह यात्रा बिहार के आम जन का सवाल और आवाज बने ये मेरी कोशिश है। बिहार में पौने 4 लाख सरकारी पोस्ट खाली है।

शिक्षकों की 2 लाख 20 हजार सीट खाली है। बिहार में अवसर नहीं है, ये कहना गलत होगा। बिहार में अवसर है। कोविड के दौरान करीब 2 करोड लोग घर आए थे। उसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश और बिहार के थे। पलायन में उत्तर प्रदेश एक नंबर पर है और बिहार दूसरे नंबर पर है। अकेले बिहार से करीब 60 लाख से अधिक लोग पलायन कर चुके हैं। पलायन हमेशा से नहीं होते रहा है, पलायन की दर को जब देखेंगे तो 2000 के बाद पलायन बढ़ता है।

बिहार में बेकारी के आंकड़े को देखेंगे तो एक तरफ हर किसी को देखकर लगेगा कि बिहार में विकास तेजी से हो रहा है। सड़कें बन रही है, पुल बन रहा है, जहां नदी नहीं है वहां भी पुल बन रहा है। सड़क और नदी के पुल बने या नहीं बने, कागज पर भी पुल बन रहा है। देखकर लगता है कि विकास बहुत ज्यादा हो रहा है, लेकिन जब बेकारी के आंकड़े देखेंगे तो शहरी क्षेत्र में 30 प्रतिशत बेकारी है। ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 9 प्रतिशत है।

यह बताता है कि जब रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं होते हैं तो स्वाभाविक रूप से लोगों को अपना घर छोड़कर बाहर जाना पड़ता है। सरकार के तमाम दावों के बावजूद स्थिति यह है कि देश में किसानों और जवानों की आत्महत्या बढ़ी है। हर घंटे में 2 जवान आत्महत्या करते हैं, करीब इतने ही किसान भी आत्महत्या करते हैं। बिहार में 20 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनकी उम्र 20 साल से 30 साल के बीच है। सरकार इन जवानों को रोजगार नहीं दे पाती है।

60 प्रतिशत लोग ग्रेजुएट नहीं

कहा कि बिहार में कास्ट सर्वे में कहा गया है कि 60 प्रतिशत लोग भी ऐसे नहीं हैं कि जो ग्रेजुएट होंगे। जो श्रमिक वर्ग काम करने वाले की आबादी है, उसमें 40 प्रतिशत लोग निरक्षर हैं। सरकार स्कूल बना रही है, स्कूल में बड़े-बड़े भवन बन रहे हैं, कॉलेज बन रहे हैं, नहीं बन रहे हैं तो घोषणा जरूर हो रहा है। 2016 में बेगूसराय में मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित हुआ, अभी तक काम पूरा नहीं हुआ है।

किसी भी विश्वविद्यालय में देखिए, वहां भ्रष्टाचार और घूसखोरी चरम पर है। बेगूसराय प्रति व्यक्ति आय के मामले में पटना के बाद दूसरे स्थान पर है। यहां बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां है, निजी फैक्ट्री भी खुल रही है, लेकिन यहां पलायन का दर बाकी और जिलों से बेहतर नहीं है। यहां से भी लोग लगातार पलायन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय की मांग वर्षों से हो रही है। किसानों की जमीन जबरदस्ती अधिग्रहित की जा रही है। प्रदूषण चरम पर है, लेकिन सरकार अपने आप में मगन है।

60 लाख से अधिक लोगों ने क्यों पलायन किया

बोला कि आज के इस कार्यक्रम से बड़ा राजनीतिक विस्फोट होने की संभावना पर कन्हैया कुमार ने कहा कि विस्फोट की बात मत कहिए। विस्फोट हो गया है जनसंख्या का, विस्फोट हो गया है बेकारी का, विस्फोट हो गया है महंगाई का, लोगों की जेब में आग लगी है। सब का इंटरेस्ट सिर्फ चुनाव में है, राजनीति से क्या मतलब। जिसमें मसाला नहीं, उनकी बात सुनता कौन है।

हम चाहते हैं कि चुनाव में चर्चा हो कि नौकरी में इतनी सीट क्यों खाली है। बिहार से 60 लाख से अधिक लोगों ने क्यों पलायन किया। 60 प्रतिशत लोग भी ग्रेजुएट क्यों नहीं हैं। यह पूछा जाए हर घंटे महिला के साथ अपराध क्यों हो रहा है। बिहार के नौजवानों को नशे में क्यों धकेला जा रहा है।

नशाखोरी काफी बढ़ रही है तो उस अनुपात में अपराध भी बढ़ेगा। जब नशे की लत लग जाएगा, पैसा नहीं रहेगा तो चोरी छिनतई ही होगी। समाज में अपराध बढ़ेगा। चुनाव प्रचार करने जब नेता आएं, वोट मांगने आएंगे तो उनसे पूछिए कि छात्र, नौजवान, किसान, मजदूर की समस्या पर चर्चा हो, चुनाव में जनता का विमर्श हो। आने वाले समय में कोई भी पार्टी जब बिहार विधानसभा चुनाव का घोषणा पत्र तैयार करें तो उस पर दबाव हो कि पलायन के सवाल को प्रमुखता से रखें।

15 मिनट साथ चलिए और किसानों का दर्द सुनिए

कन्हैया ने कहा जदयू पर मैं कोई तंज नहीं करूंगा, मैं जदयू के साथियों से निवेदन करूंगा कि जदयू बिहार की पार्टी है। बिहार की लोगों की बेहतरीन करने का दावा करते हैं, तो हम जो समस्या आपके सामने ला रहे हैं, यह हम अपने घर में नहीं बना रहे हैं। यह समस्या आपके 20 साल के शासन व्यवस्था से हुई है। हम तंज नहीं करते हैं, निवेदन करते हैं कि आप आधे घंटे नहीं, हमारे साथ 15 मिनट ही चलिए। इन जवानों और किसानों का दर्द सुनिए।

अभ्यर्थी पदयात्रा में शामिल हुए, राहुल गांधी का आभार जताया

कहा कि सेना में बहाली के लिए लिखित परीक्षा दी, उनका मेडिकल हो गया, ज्वॉइनिंग लेटर आ गया, लेकिन जॉइनिंग नहीं हुई, नौकरी नहीं मिली। बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी पदयात्रा में शामिल हुए, उन्होंने राहुल गांधी का आभार जताते हुए कहा कि सड़क पर मेरे साथ चलने आए, संसद में मेरी बात उठाइए।

राहुल गांधी तो आधे घंटे के लिए आ गए, उनके साथ चलने के लिए। जो बिहार में 20 साल से राज कर रहे हैं, वह बता दें की 3 लाख 75 हजार पद पर बहाली क्यों नहीं हुई। तंज कसना आसान होता है, परिवर्तन करना मुश्किल होता है। परिवर्तन का नारा पोस्टर लगाना आसान होता है, वॉल राइटिंग में लिखना आसान होता है, लेकिन परिवर्तन करना मुश्किल होता है।

Kunal Gupta
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