Saturday, April 19, 2025
Patna

“राम को काल्पनिक बताने वाले मांझी हुए राममय:जय श्री राम के लगाए नारे, कहा- प्रभु के काल में नीच-ऊंच नहीं था

गया.राम को काल्पनिक बताने वाले केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी अब रामनवमी पूजा समिति के कार्यक्रम में राममय हो गए। हाथ में तलवार, मुख पर जय श्रीराम के जयकारे और विचारों में तुलसीदास की नीति। करीब 10 मिनट तक मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का बखान किया।

कहा कि आजकल लोग राजा का मुख देखकर बोलते हैं, पर रामायण में तुलसीदास ने साफ कहा है, ‘प्रिय बोलिहि आस बस नारी, राजधर्म तनु धरि नर नारी’… मतलब कि राजा हो या आम आदमी, सबको प्रिय नहीं, सही बोलना चाहिए।” इसी बहाने इशारों इशारों में उन्होंने एनडीए के दिग्गजों और उनके अंधभक्तों पर तंज कसा।

चौंकाने वाली बात यह रही कि कभी राम के अस्तित्व को सवालों में घेरने वाले मांझी ने कहा, ‘मर्यादा पुरुषोत्तम राम के काल में नीच-ऊंच कुछ नहीं था। जब भगवान ने स्वयं वराह (सुअर) अवतार लिया, तो फिर जात-पात और भेदभाव की बात क्यों?’

सच कहना और सही बात पर अडिग रहना ही असली धर्म

मांझी ने कहा कि आज के दौर में सच कहना और सही बात पर अडिग रहना ही असली धर्म है। राजनीतिक गलियारों में मांझी के इस बदले रुख को लेकर चर्चाएं तेज हैं। क्या यह रामनवमी के मौके पर भक्ति में डूबे मांझी का पल भर का भाव या आगामी चुनावी समीकरणों का संकेत? जो भी हो, अब मांझी भी ‘राम’ की शरण में हैं। चौपाइयों के हवाले से खुद को बदले बदले नजर आ रहे हैं। इस मौके पर रामनवमी समिति के मणिलाल बारीक, क्षितिज मोहन सिंह, संजू साव, रोमित आदि भी मौजूद थे।

Kunal Gupta
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