“बिहार में 700 साल पुराने राम-जानकी मठ में बाबा बागेश्वर का आज से कार्यक्रम, दो लाख क्षमता वाले पंडाल का निर्माण
बिहार:गोपालगंज के भोरे प्रखंड में स्थित राम जानकी मठ में आज से बाबा बागेश्वर की पांच दिवसीय हनुमंत कथा और दिव्य दरबार का आयोजन होने जा रहा है। इस मठ का इतिहास लगभग 700 वर्ष पुराना है। भूरिश्रवा की नगरी भोरे के रामनगर स्थित इस मठ में पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री कथा का वाचन करेंगे। कार्यक्रम को लेकर जिले और आसपास के क्षेत्रों में श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है।
2024 में अतिरुद्र महायज्ञ का हुआ आयोजन
स्थानीय सरपंच लालबाबू ने बताया कि हथुआ राज के पूर्वजों ने इस मठ का निर्माण करवाया था। मठ की वर्तमान में 52 शाखाएं हैं। मठ का पौराणिक महत्व भी है। मान्यता है कि जनकपुर से अयोध्या जाते समय भगवान राम और माता सीता ने यहां विश्राम किया था। इसी कारण गांव का नाम रामनगर पड़ा। यहां राम-सीता की मूर्तियां स्थापित कर पूजा शुरू की गई।
पास में जहां माता जानकी का डोला रखा गया, वह स्थान जानकी नगर के नाम से जाना जाता है। इस दौरान कई मठाधीश हुए वर्तमान में मठाधीश हेमकांत शरण जी महाराज द्वारा करीब 1991में पुराने मठ का जीर्णोद्वार किया गया। वहीं पिछले 2024 में अतिरुद्र महायज्ञ का आयोजन किया गया था। दक्षिण भारत से 2100 ब्राह्मण आए थे।
झूठी अफवाह फैलाने पर मठाधीश ने बुलाने का लिया संकल्प
उस वक्त महामंडलेश्वर जगतगुरु अनिरुद्धाचार्य जी महाराज द्वारा भागवत कथा का आयोजन हुआ था। जिसमें बागेश्वर जी महाराज का आगमन होना था,वे मुख्य अतिथि थे। लेकिन प्रशासन बल नहीं मिलने के कारण पिछले कार्यक्रम में वह नहीं आ पाए थे। जिस कारण लोगों के बीच में भ्रांतियां फैल गई की बागेश्वर बाबा के आने का मठ द्वारा झूठी अफवाह फैलाई गई है।
लेकिन मठाधीश हेमकांत शरण जी महाराज द्वारा इस भ्रांतियां को दूर करने के लिए यह संकल्प लिया कि आखिर चाहे जो हो जाए एक दिन के नहीं बल्कि पांच दिनों के लिए बाबा बागेश्वर का कार्यक्रम जरूर रखा जाएगा ताकि लोगो के बीच की भ्रांतियां दूर हो सके।
दो लाख क्षमता वाले पंडाल का हो रहा निर्माण
60 एकड़ के बड़े भू भाग में लगे इस पंडाल में भक्तों के बैठने की 2 लाख का क्षमता है। वही छः माह में बागेश्वर धाम सरकार का भवन निर्माण किया गया है जिसमें हर वो सुविधा मौजूद है। जहां वे कथा के बाद रात्रि विश्राम करेंगे पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को सरकार के द्वारा वाइ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।