“डांस के शौक ने पहुंचा दिया दलदल में,बिहार में ऑर्केस्ट्रा की आड़ में घिनौना खेल,14 कम उम्र की लड़कियों का रेस्क्यू
बिहार के छपरा में ऑर्केस्ट्रा डांस की आड़ में चल रहे घिनौने कार्य का बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस और रेस्क्यू फाउंडेशन की संयुक्त कार्रवाई में 14 नाबालिग लड़कियों को बचाया गया, जिन्हें जबरन इस धंधे में धकेला गया था. सुबह 4 बजे तीन थाना क्षेत्रों में एक साथ छापेमारी कर पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार की लड़कियों को मुक्त कराया गया. कई लड़कियां गरीबी के कारण इस दलदल में फंस गई थीं, जबकि कुछ को लालच और धोखे से इसमें घसीटा गया था.
डांस के शौक ने पहुंचा दिया दलदल में
यूपी की एक पीड़िता ने बताया कि वह पहले वीडियो क्रिएटर थी और एल्बम में काम करती थी. लेकिन काम की कमी और आर्थिक तंगी ने उसे ऑर्केस्ट्रा डांस तक पहुंचा दिया. धीरे-धीरे संचालकों ने उसे अनैतिक कार्यों में धकेलना शुरू कर दिया. उसने भावुक होकर कहा कि डांस अब मेरी मजबूरी बन गई है.
बेतिया रेस्क्यू से मिला था सुराग
एक अन्य लड़की ने खुलासा किया कि संचालक जबरन उसे ग्राहकों के पास भेजते थे. विरोध करने पर धमकी दी जाती कि उसके डांस वीडियो उसके घरवालों को भेज दिए जाएंगे. डर और मजबूरी में उसे उनकी हर बात माननी पड़ी. रेस्क्यू फाउंडेशन के कोऑर्डिनेटर बीरेंद्र कुमार ने बताया कि 11 दिन पहले बेतिया में हुई कार्रवाई के दौरान इस गिरोह की जानकारी मिली थी. इसके बाद राष्ट्रीय बाल आयोग के निर्देश पर छपरा पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई की.
दयनीय स्थिति में रह रही थीं लड़कियां
रेस्क्यू फाउंडेशन के फाउंडर त्रिवेणी आचार्य ने बताया कि इन लड़कियों को जबरन इस गंदे धंधे में धकेला गया था. बिहार में ऑर्केस्ट्रा डांस को स्टेटस सिंबल माना जाता है, लेकिन लोगों को यह पता नहीं होता कि मंच पर नाच रही लड़कियां अपनी मर्जी से आई हैं या मजबूरी में लाई गई हैं.
रेस्क्यू के बाद सभी लड़कियों को काउंसलिंग के लिए आश्रय गृह भेज दिया गया है. इस मामले में महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज कर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. प्रशासन अब इस रैकेट में शामिल सभी लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है.