“फंदे से लटकी मिली महिला सिपाही,पति बोला:पुलिस अफसर मेरी पत्नी से पर्सनल काम करवाते थे,मार डाला
गया में फायर बिग्रेड के सरकारी आवास में महिला सिपाही का शव मिला था। बुधवार को शव अंतिम संस्कार के लिए भागलपुर के बसंतपुर लाया गया। सिपाही के पत्नी ने पुलिस अधिकारियों पर पत्नी की साजिश के तहत हत्या का आरोप लगाया है।
चंदन कुमार ने बताया कि ‘मेरी पत्नी आत्महत्या नहीं कर सकती। ये हत्या है। उसके अधिकारी उससे पर्सनल काम करने को कहते थे। हमने इसे लेकर अधिकारियों से शिकायत भी की थी।’
‘कृष्ण मुरारी प्रसाद और राजेश प्रसाद ने अपने साथियों के साथ मिलकर मेरी पत्नी की हत्या की साजिश रची और उसे मार दिया। मैंने दोनों के खिलाफ FIR भी दर्ज करवाई है। इस केस में जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।’
सिपाही के पति की शिकायत के बाद सिपाही राजेश प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिस सरकारी आवास से शव मिला, वहां से पुलिस ने 3 मोबाइल बरामद किए हैं। गया ASP शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि ‘अग्निशमन विभाग की महिला सिपाही की मौत के मामले में जांच जारी है। जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा।’
सिपाही राजेश प्रसाद ने मौत से पहले ज्योति से आधे घंटे फोन पर बात की थी। अग्निशमन पदाधिकारी कृष्ण मुरारी और सिपाही राजेश पर ज्योति को डराने-धमकाने का आरोप है।ज्योति और चन्दन की लव मैरिज हुई थी। दोनों के दो बच्चे हैं। 3 साल का बेटा घर वालों के साथ भागलपुर में रहता था। पति 3 दिन पहले ही डेढ़ साल की बेटी को पत्नी से मिलवाकर लौटा था।
सरकारी आवास में पंखे से लटका मिला था शव
महिला सिपाही का शव मंगलवार को सरकारी आवास के कमरे के पंखे से लटका हुआ मिला था। कमरे की तलाशी लेने पर 3 मोबाइल फोन बरामद किए गए थें। ज्योति ने साल 2023 में फायर बिग्रेड जॉइन किया था। तब से वो गया में काम कर रही थी। नौकरी की वजह से वो अक्सर घर से बाहर रहती थी।
कार्यालय में काम करने वाले साथियों ने बताया-
फायर बिग्रेड कार्यालय में सुबह अटेंडेंस लगती है। आज सुबह जब ज्योति अटेंडेंस लगाने नहीं आई तो एक सिपाही को उसके कमरे पर भेजा। कमरा अंदर से बंद था तो सिपाही ने बाहर से काफी देर तक आवाज लगाई और दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। सिपाही ने पूरा मामला हमें बताया, हमलोगों ने पुलिस को जानकारी दी जिसके बाद मौके पर पहुंचे और पुलिस के सामने कमरे का दरवाजा तोड़ा। जहां ज्योति फांसी के फंदे से लटकी हुई मिली।
5 दिन पहले अलॉट हुआ था सरकारी आवास
साथियों ने बताया कि ‘ज्योति पहले कार्यालय परिसर के कमरे में ही रहती थी। पांच दिन पहले उसको अलग से सरकारी आवास अलॉट किया गया था जिसके बाद से वो अपने आवास में रहती थी। तीन दिन पहले ज्योति का पति उससे मिलने आया था और अपनी डेढ़ साल की बेटी को अपने साथ ले गया। तब से ज्योति अकेली रह रही थी।