“जॉब के नाम पर यौन शोषण,अब पीड़िता से करेगा शादी:बनाए थे शारीरिक संबंध, 3 बार अबॉर्शन
मुजफ्फरपुर में जॉब के नाम पर यौन शोषण की शिकार हुई लड़की से आरोपी शादी करेगा। फिलहाल आरोपी जेल में बंद है। पूरा मामला जिले के DVR नेटवर्किंग कंपनी से जुड़ा है। दरअसल, बीते साल चिटफंड कंपनी के मैनेजर ने झूठी नौकरी दिलाने के नाम पर पीड़िता का शोषण किया था।
सारण की लड़की इस फर्जी नेटवर्किंग DVR कंपनी में यौन शोषण की शिकार हुई थी। उसने कंपनी के मैनेजर तिलक कुमार पर यौन शोषण करने और 3 बार अबॉर्शन कराने का आरोप लगाया था। अब दोनों के परिवार केस खत्म करने पर राजी हो गए हैं।आरोपी मैनेजर तिलक कुमार सिंह सीवान जिला के मैरवा थाना के कोडरा का रहने वाला है। फिलहाल, मुजफ्फरपुर स्थित शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बंद है।
आज पीड़िता और आरोपी के परिवार के सदस्यों के बीच शादी की बात तय होगी। पीड़िता के परिवार वाले वहां सगाई और शादी की तारीख तय करेंगे। हालांकि, पीड़िता का कहना है कि सगाई के बाद ही वह केस में समझौता करेगी। इसके लिए आरोपी से लिखित एकरारनामा तैयार करवा लिया है।
इस एकरारनामा के अनुसार, तिलक ने पीड़िता के साथ पूर्व में ही शादी करने की बात स्वीकारी है। उसने कहा है कि पीड़िता उसकी पत्नी है, जिसके साथ उसका विवाह हिंदू रिति-रिवाज के अनुसार हुआ था। मान-सम्मान के साथ रखकर वैवाहिक जीवन व्यतीत करने की बात स्वीकारी है। कहा कि पीड़िता के साथ फिर से हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार विवाह करेगा।
नौकरी के नाम पर चिटफंड कंपनी में खेला जाता था गंदा खेल
मुजफ्फरपुर में चिटफंड कंपनी ने झूठी नौकरी दिलाने के नाम पर गंदा खेल खेला जाता था। दरअसल, अहियापुर थाना इलाके में एक गिरोह की ओर से DVR नाम का फर्जी मार्केटिंग कंपनी बनाकर सोशल मीडिया पर नौकरी देने का पोस्ट डाला जाता था।इसमें लिखा जाता था कि आप इस कंपनी में जॉब करने में इच्छुक हैं तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। आपको मोटी सैलरी भी दी जाएगी। यह नौकरी सिर्फ लड़कियों के लिए थी। सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से कई लड़कियों ने संपर्क किया। जिसको मोटी रकम का आश्वासन देकर नौकरी पर रखा गया।
पीड़िता ने कहा था- फेसबुक के जरिए हुआ था संपर्क
सारण की युवती ने आरोप लगाया था कि अहियापुर थाना के दरभंगा मेन रोड बखरी स्थित कंपनी के कार्यालय में 25 हजार रुपए वेतन की शर्त पर जॉइन कराया गया। पीड़िता ने अपनी पूरी आपबीती साझा करते हुए बताया कि फेसबुक के माध्यम से धीरज कुमार नाम के युवक से संपर्क हुआ था।
आरोपी ने बताया कि उसके पास एक जॉब मेडिसिन लाइन का है। इस दौरान बताया गया कि हॉस्टल और मेस के लिए 20 हजार देने होंगे। इसके बाद 20 हजार रुपए पीड़िता ने जमा किए। जिसकी कोई रसीद तक नहीं मिली।पीड़िता ने बताया था कि एक केंद्र पर उसे ले जाया गया, जहां 500 से 1000 लोग मौजूद थे। वहां बताया गया कि फ्रॉड कॉल कैसे किया जाता है। वहां पर जॉब मुझे नहीं मिला न कोई ऑफिस था। यहां करीब 3 माह तक सिर्फ फ्रॉड कॉल करने के बारे में सिखाया गया। सैलरी नहीं दी।
मुजफ्फरपुर के तत्कालीन सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया था कि आरोपी तिलक की गिरफ्तारी गोरखपुर से की गई है।
कॉल नहीं करने पर मारता-पिटता था सीएमडी मनीष
पीड़िता ने बताया था कि कंपनी का सीएमडी मनीष सिंह और तिलक ने मिलकर मुझे ये बताया कि तुम्हें 50 से 52 लोग लाने हैं। इस पर तुम्हारी सैलरी 50 हजार हो जाएगी। इस दौरान मेरे कॉन्टैक्ट लिस्ट से सभी को कॉल करवा कर बुलाया गया। नहीं कॉल करने पर मारता भी था। तब तक मुझे नहीं पता था कि ये फ्रॉड कंपनी है। फिर मैंने पैसे के लिए 52 लोगों को बुलाया। तब उन्होंने बताया कि तुम DVR कंपनी में शेयर होल्डर हो गई हो।
तीन बार अबॉर्शन कराया, नकली शादी भी की
इसके बाद शादी का झांसा देकर तिलक सिंह मेरे रूम पर हर दिन आने लगा। मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाया। 3 बार मैं प्रेग्नेंट हुई तो दवा खिलाकर गर्भपात करा दिया। 19 मई 2023 को बखरी स्थित कंपनी में अहियापुर थाने की रेड हुई। इसके बाद उसे हाजीपुर के कार्यालय में ले जाया गया। वहां तिलक सिंह के साथ नकली शादी कराई गई।इसके बाद वह अपने रूम पर पत्नी के रूप में रखकर मेरा यौन शोषण करता रहा। मुझे मायके भी नहीं जाने देता था। पीड़िता ने कहा था कि कॉल नहीं करने पर सीएमडी मनीष मारपीट करता था, जिसका वीडियो भी सामने आया था।
आरोपी कंपनी का सीएमडी मनीष, जिसकी गिरफ्तारी के लिए कोशिश की जा रही है। मनीष पर लड़कियों से मारपीट का भी आरोप है।
पीड़िता के कोर्ट परिवाद पर हुई थी FIR
2 जून 2024 को पीड़िता के परिवाद पर अहियापुर थाने में FIR दर्ज की गई थी। इसमें DBR कंपनी के सीएमडी मनीष सिन्हा, मैनेजर तिलक कुमार सिंह सहित 9 लोगों को आरोपी बनाया था। पीड़िता की निशानदेही पर पुलिस ने मैनेजर तिलक कुमार सिंह और अप्राथमिकी अभियुक्त अजय कुमार को गोरखपुर से गिरफ्तार किया था। तिलक कुमार सिंह और अप्राथमिकी अभियुक्त अजय कुमार पर पुलिस 63 पेज में चार्जशीट दायर कर चुकी है। वहीं, केस में फरार चल रहे कंपनी केसीएमडी मनीष सिन्हा सहित अन्य आरोपियों पर पुलिस ने जांच जारी रखी है। सीएमडी मनीष सहित अन्य की जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है।
निदेशक के खिलाफ वारंट जारी
इधर, अहियापुर थाने की पुलिस ने मामले में आरोपित फर्जी कंपनी के निदेशक मनीष सिन्हा के खिलाफ गोपालगंज थाने में वारंट तामिला करा दिया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी की, लेकिन वह फरार बताया गया है। हालांकि, फरार मनीष सिन्हा के खिलाफ पुलिस ने इश्तेहार जारी कराने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है। जल्द ही इश्तेहार के लिए न्यायालय में अर्जी दाखिल की जाएगी। बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी वारंट जारी कराने के लिए अर्जी दी जाएगी।