“वसंत पंचमी 2025:ज्ञान की देवी माता सरस्वती की पूजा 3को रेवती नक्षत्र और सिद्ध योग में होगी
“वसंत पंचमी 2025:पटना.वसंत पंचमी 3 फरवरी को मनेगी। इस दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती की आराधना रेवती नक्षत्र और सिद्ध योग में होगी। इस दिन रवियोग का भी शुभ संयोग बन रहा है। इसी दिन कामना, सृजन और प्रेम के देवता कामदेव की भी आराधना होगी। वसंत पंचमी के दिन ही कामदेव ने अपने पुष्पवाण से सृष्टि की मौनता को तोड़कर प्रेम और ऊर्जा का संचार किया था। भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न का संबंध भी वसंत पंचमी से है।
शास्त्रों में प्रद्युम्न को कामदेव का अवतार माना गया है। इस दिन श्रीकृष्ण और राधा का प्रेम प्रगाढ़ होने से वसंत पंचमी को रंगोत्सव के रूप में मनाया जाता है। वसंत पंचमी के दिन को पंचांगों में अबूझ मुहूर्त कहा गया है। क्योंकि, इस दिन हिंदुओं के सभी शुभ और मांगलिक कार्य करना अत्यंत शुभ और फलदायी होता है। विवाह, गृह प्रवेश, नौकरी और व्यापार का आरंभ, भूमि पूजन, वाहन और विशेष वस्तुओं की खरीदारी, जीवन के नए अध्याय की शुरुआत करने से सफलता निश्चित मिलती है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
लाभ-अमृत मुहूर्त : सुबह 6:36 से 9:19 बजे तक
शुभ योग मुहूर्त : सुबह 10:41 से 12:03 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 11:41 से 12:25 बजे तक
चर-लाभ मुहूर्त : अपराह्न 2:46 से शाम 5:30 बजे तक।
रिश्तों में होगा मधुरता का प्रवाह
प्रेम के देवता कामदेव और ज्ञान की देवी सरस्वती का योग रिश्तों में संतुलन लेकर आता है। रिश्तों में दरार और कड़वाहट की स्थिति में वसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र धारण कर देवी सरस्वती की आराधना करने से रिश्तों में मधुरता का प्रवाह होता है। इससे रिश्ते मधुर और व्यावहारिक होते हैं। वसंत पंचमी के दिन आपसी मेलजोल, वैवाहिक सुख, भाईचारा, स्नेह और प्रेम में प्रगाढ़ता की वृद्धि होती है।
पीला वस्त्र पहन कर पूजा करना शुभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में यदि बृहस्पति नीच हो तो वसंत पंचमी के दिन भगवान विष्णु और माता सरस्वती की पूजा पीला वस्त्र पहनकर करने से लाभ होता है। इसके अलावा कुंडली के छठे, सातवें और बारहवें भाव को उच्च और पुष्ट करने के लिए वसंत पंचमी का दिन सबसे उत्तम होता है। आचार्य राकेश झा ने बताया कि इस दिन पीला वस्त्र, पीला पुष्प, पीला चंदन, पीला फल को पूजा में शामिल करने, दान करने से गुरु बलिष्ठ होकर अच्छी और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करते हैं। पीला रंग समृद्धि, उल्लास और ऊर्जा का प्रतीक होता है। वसंत पंचमी के दिन गायन, वादन और अन्य सभी कलाओं के साधकों को मां सरस्वती की आराधना करने से कला और रचनात्मकता में वृद्धि, ख्याति में इजाफा होता है।