Tuesday, January 21, 2025
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“अंडरग्राउंड वाटर टैंक पर रखा था टीन का टुकड़ा:पैर रखते ही गिरी 3 साल की मासूम, मौत

भोपाल में मौसी के घर बने अंडरग्राउंड वाटर टैंक में डूबने से मासूम अनिका की मौत हो गई। सोमवार को शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। रिश्तेदारों ने बताया कि, ससुराल पक्ष के लोग तीन दिन से बाहर गए थे और बच्ची की मां अकेले घर में बोर हो रही थी। संक्रांति के मौके पर वह मायके नहीं जा सकी थीं, इसलिए रविवार को नानी के घर जाने का फैसला किया। अनिका, उसके पिता, मां और भाई सभी दोपहर के समय नानी के घर पहुंचे। दोपहर का खाना खाने के बाद परिवार बातचीत में व्यस्त हो गया, जो देर शाम तक चलता रहा।

इस दौरान खेलते-खेलते अनिका आंगन में चली गई। आंगन में अंडरग्राउंड वाटर टैंक था, जिसे ढकने के लिए ऊपर एक जंग लगा टीन का टुकड़ा रखा गया था। अनिका ने जैसे ही उस पर कदम रखा, वह टैंक में गिर गई। कुछ ही मिनटों में उसकी मौत हो गई। परिवार बातचीत में व्यस्त था और किसी ने उसके गिरने की आवाज नहीं सुनी।

कुछ समय बाद जब अनिका नजर नहीं आई तो उसकी मां और परिजनों ने उसे खोजना शुरू किया। घबराए मामा ने घर के बाहर और आसपास के इलाके में बच्ची को तलाशा। इसी दौरान किसी की नजर खुले हुए वाटर टैंक पर पड़ी। टैंक के अंदर मोबाइल की टॉर्च से देखा गया तो अनिका का शव पानी में तैरता नजर आया।

अनिका को तुरंत बाहर निकाला गया और एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सोमवार को हमीदिया अस्पताल में शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। बच्ची के फूफा प्रवीण शिंदे ने दैनिक भास्कर को बताया कि, टैंक का ढक्कन खराब होने की वजह से यह हादसा हुआ, जिससे परिवार पर गहरा सदमा लगा है।

सदमे में पिता बोल तक नहीं सके

तीन साल की मासूम बेटी को खोने का दर्द अनिका के पिता अनिल पथरोड़ के चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था। सदमा इस कदर है कि वह बात तक नहीं कर सके। परिजनों ने जानकारी दी कि उसकी मां दीपिका पथरोड़ का हादसे के बाद से रो-रोकर बुरा हाल है। कई बार बेहोश हो चुकी हैं। होश में आते ही बेटी को याद करते हुए आंखों से आंसू छलकने लगते हैं। 25 अगस्त 2024 को बच्ची का तीसरा जन्मदिन धूमधाम से सेलिब्रेट किया था।

छोटी बेटी थी अनिका

अनिल का परिवार नई जेल कॉलोनी में रहता है। उसके दो बच्चे हैं। बेटा वैदिक 5 साल का है। अनिका उससे छोटी थी। अचानक इस हादसे के बाद घर और उसके आसपास मातम है। परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है।

Kunal Gupta

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