“पोता नहीं मिलने पर कर लूंगा आत्मदाह:कहा- कहां है मेरा पोता, अबतक गोद में नहीं लिया
समस्तीपुर.’मेरा पोता 4 साल का हो चुका है लेकिन आज तक मैंने उसे गोद में नहीं खिलाया। बस एक बार उसे वीडियो कॉल पर देखा था। एक बार उसे सीने से लगा लूं तो दिल को ठंडक पहुंचेगी। आख़िरकार मेरा पोता कहां है।’ यह कहना है AI इंजीनियर अतुल सुभाष के पिता पवन मोदी का।AI इंजीनियर अतुल सुभाष की मौत के 15 दिन बीतने और पत्नी निकिता सिंघानिया के अलावा उनकी सास और साले की गिरफ्तारी होने के बाद भी उनके चार साल के बेटे का कोई पता नहीं चल पाया है। जिसको लेकर अतुल सुभाष के पिता पवन मोदी ने स्थानीय वैनी थाने में 00 प्राथमिकी दर्ज कराई है।
पवन मोदी की ओर से दिए गए आवेदन पर वैनी थाने की पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए उक्त आवेदन को प्राथमिकी के लिए उत्तर प्रदेश के जौनपुर पुलिस को भेजा है। वैनी थानाध्यक्ष आनंद शंकर गौरव का कहना है कि मामला जौनपुर से जुड़ा हुआ है और बच्चे और महिला जौनपुर में ही रह रही थी। इसलिए आवेदन को आगे की कार्रवाई के लिए जौनपुर पुलिस को भेज दिया गया है।
पोते की बरामदगी नहीं हुई तो कर लूंगा आत्मदाह
पवन मोदी ने कहा कि उनका पोता 4 साल का हो चुका है लेकिन आज तक उन्होंने उसे गोद में नहीं खेलाया। बस एक बार उसे वीडियो कॉल पर देखा था। एक बार उसे सीने से लगा लूं तो दिल को ठंडक पहुंचेगी। जब अतुल की पत्नी सास और साले की गिरफ्तारी हो गई तो आखिर उनका पोता कहां है।4 साल के किसी बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में भी नहीं रखा जाता है। अगर उसे रखा गया है तो यह बताया जाए कि वह कहां है। उनका पोता अभी सुरक्षित हाथों में नहीं है। ऐसा ना हो कि उसकी हत्या भी कर दी जाए।इसलिए पोते को कस्टडी उनलोगों को दी जाए ताकि वह उन्हें दूसरा अतुल सुभाष बना सकें।उन्होंने कहा कि उनके पुत्र सुभाष ने कहा था कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो परिवार के लोग उनकी अस्थियों को गटर में बहा दें लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे पूरे परिवार के साथ आत्मदाह कर लेंगे।
मोदी सरकार से न्याय मिलने की उम्मीद
अतुल सुभाष के छोटे भाई विकास मोदी ने बताया कि इस मामले का 15 दिन गुजर चुका है लेकिन अब तक उनके भतीजे का पता नहीं चल सका है। वह इस मामले पर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से उन्हें न्याय मिलेगा।उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह भी किया है कि एक ऐसा सशक्त कानून बने। जिसमें दहेज उत्पीड़न जैसे मामले का गलत उपयोग करने वाले पर कार्रवाई हो सके। जिससे फिर कोई दूसरा अतुल सुभाष को आत्महत्या करना ना पड़े।
उन्होंने बताया कि करीब 5 दिन पूर्व उन्होंने वैनी थाने में आवेदन दिया था आज इस मामले में 00 प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस से उनके माता-पिता ने सुरक्षा की भी मांग की है लेकिन वह भी अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया है।वहीं, अतुल सुभाष के बेटे की कस्टडी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश समेत तीन राज्यों के डीजीपी को नोटिस भेजा है। 7 जनवरी तक बच्चों को बरामद कर रिपोर्ट देने को कहा है।