बिहार मे ग्रामीण सड़कों के मेंटेनेंस की हर 28 दिन पर जांच होगी
पटना.ग्रामीण सड़कों की मेंटेनेंस अवधि में हर 28 दिन पर ठेकेदार ने कितना काम किया उसकी जांच होगी। जिन 30 हजार किमी सड़कों को ठीक करने के लिए ‘ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम’ शुरू किया जा रहा है, उन्हें अगले 7 महीने में यानी जून तक मोटरेबुल भी करना है। इन सड़कों को वर्ष 2024-25 और 2056-26 में 20 हजार करोड़ खर्च करके दुरुस्त करना है।
विभाग की कार्ययोजना के मुताबिक पूरे दो वर्षों की अवधि में ठेकेदार के साथ विभाग के इंजीनियर और सुपरवाइजर कार्य स्थल पर रहेंगे। हर 28वें दिन काम का ब्योरा जमा करेंगे। उस विपत्र को कनीय अभियंता 7 दिनों के अंदर, सहायक अभियंता 3 दिनों के अंदर और कार्यपालक अभियंता अधिकतम 10 दिनों के अंदर यानी विपत्रों की पूरी जांच कर कुल 21 दिनों में संवेदक को काम का भुगतान कर देना होगा।
बरसात से पहले ठीक करें
ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम के कार्यान्वयन पर शुक्रवार को ग्रामीण कार्य विभाग ने पटना में संवाद सत्र आयोजित किया। इसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बरसात से पहले राज्य की सभी ग्रामीण सड़कों को ठीक करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जो भी ठेकेदार ग्रामीण सड़कों को लगातार मेंटेन नहीं करे, उनके पैसे काटे जाएं। ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि सड़कों का गुणवत्तापूर्ण निर्माण और रखरखाव राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है। मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में राज्यभर में लगभग 1 लाख 18 हजार किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण हुआ है, जो बड़ी उपलब्धि है।
अभियंता प्रमुख भगवत राम ने कहा कि सभी क्षतिग्रस्त ग्रामीण पथों की डीपीआर तैयार कर मंजूरी ली जाएगी। चयनित पथों की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए 7 वर्षों तक देखभाल की जाएगी। सड़कों की राइडिंग क्वालिटी (सतह) बनी रहे, इसके लिए 7 वर्षों में दो बार सड़कों की मरम्मत होगी। ठेकेदार हर सड़क पर रैपिड रेस्पांस व्हीकल रखेगा, ताकि सड़क के गड्ढ़े तुरंत ठीक किए जाएं। सड़क निर्माण में 7% प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल होगा। संवाद सत्र में पथ निर्माण विभाग के रिटायर मुख्य अभियंता चंद्रशेखर, संजय कुमार और रमेश कुमार सिंह समेत अभियंता प्रमुख श्रीप्रकाश भी उपस्थित रहे।