Thursday, December 12, 2024
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“अतुल सुभाष की अस्थियां लेकर पहुंचा परिवार:पिता बोले -शादी के बाद कभी खुश नहीं रहा;इंजीनियर ने बेंगलुरु में किया सुसाइड

समस्तीपुर.AI इंजीनियर अतुल सुभाष (34) का परिवार बुधवार की शाम अस्थियां लेकर पटना पहुंचा। पटना एयरपोर्ट पर मीडिया के सामने ही अतुल की मां रोने लगी और रोते रोते बेहोश हो गई। वहीं, अतुल के भाई ने कहा कि अब तक तो न्याय नहीं मिला, लेकिन उम्मीद करता हूं कि आगे न्याय मिलेगा।’2019 में मेरे बड़े बेटे अतुल की शादी निकिता सिंघानिया से हुई थी। शादी के बाद से अतुल कभी खुश नहीं रहा। हर वक्त उसकी पत्नी उसे प्रताड़ित करती रहती थी। अतुल को लगता था कि सब एडजस्ट हो जाएगा। फिर एक साल बाद मेरा पोता हुआ, लेकिन फिर भी सब ठीक नहीं हुआ।’

 

‘2021 की शुरुआत में मेरी बहू अपने मायके चली गई। वहां जाने के बाद उसने अतुल समेत मेरे पूरे परिवार पर केस कर दिया। मेरे बेटे को लगता था कि कोर्ट से उसे न्याय जरूर मिलेगा। अभी बेंगलुरु एयरपोर्ट पर बेटे की अस्थियां गोद में लेकर बैठा हूं। अब मैं अपने बेटे के लिए लड़ूंगा और न्याय दिला कर रहूंगा।’ये बातें बेंगलुरु से समस्तीपुर लौट रहे AI इंजीनियर अतुल सुभाष के पिता पवन कुमार दैनिक भास्कर से कहीं। फोन पर बात करते हुए पिता ने रोते-रोते पूरी कहानी बताई।बेटे को खो चुके पवन कुमार ने कहा, ‘उसकी शादी के बाद एक बार जो परेशानियां शुरू हुईं, वो फिर खत्म नहीं हुई। एक केस खत्म होता तो दूसरा शुरू हो जाता।’ पिता की जुबानी जानिए अतुल सुभाष की पूरी कहानी…

 

 

2019 में शादी हुई, एक दिन के लिए समस्तीपुर आई थी बहू

 

अतुल सुभाष के पिता पवन कुमार ने बताया, ’26 अप्रैल 2019 को अतुल की शादी हुई। अतुल की पत्नी शादी के बाद सिर्फ एक दिन हमारे घर यानी पूसा रोड रही है। अगले ही दिन यानी 28 अप्रैल को वो अतुल के साथ बेंगलुरु चली गई।’इसके बाद वो कभी हम लोगों के पास नहीं आई। अतुल की पत्नी बेंगलुरु में किसी कंपनी में काम करती थी। उस वक्त अतुल महिंद्रा एंड महिंद्रा में जॉब करता था। दोनों साथ ही बेंगलुरु गए थे।’

 

‘एक साल बाद जब पोता हुआ, तो कुछ ही दिनों के बाद बहू की मां बेंगलुरु आई और पता नहीं क्या सिखाया कि बहू बेटे को लेकर मायके लौट गई। फिर तो सब बिल्कुल ही बदल गया।”आप सोच कर देखिए कि पूरे परिवार पर हत्या की कोशिश का, दहेज का… हमारे यहां दहेज का कोई प्रथा नहीं चलता है। इसके बाद भी मेरी बहू ने इतनी बड़ी समस्या में हम लोगों को डाल दिया।”स्थिति ऐसी हो गई कि बेटे को सुसाइड करना पड़ गया। शायद ये सब अतुल ने पहले से ही प्लान कर लिया था। वो जितनी परेशानियां झेल रहा था, शायद सोचता होगा कि मां-बाप को बताने से कोई फायदा नहीं, शायद इसी लिए उसने ये कदम उठाया।’

 

अतुल को 40 बार बेंगलुरु से जौनपुर बुलाया गया

 

रोते-रोते पवन कुमार ने बताया, ‘8 दिसंबर की देर रात छोटे बेटे विकास को मेल मिलने के बाद हम लोग 9 दिसंबर की सुबह बिहार से बेंगलुरु के लिए चले। शाम को यहां पहुंच गए थे। 10 दिसंबर को क्रिया-कर्म करने के बाद आज सुबह हम लोग बिहार के लिए निकले हैं।’अतुल की पत्नी ने पूरे परिवार पर केस किया था, लिहाजा अतुल तो बेंगलुरु से बनारस और फिर जौनपुर जाता था। इधर से मैं पूसा रोड से जौनपुर जाता था। मेरी उम्र 62 साल है। मेरी पत्नी 54 साल की है। मेरा छोटा बेटा विकास दिल्ली में रहता है।

 

 

पेशकार, जज कहते थे कि पैसे दीजिए, सैटलमेंट करा देते हैं

 

पिता ने कहा, ‘अतुल देखता था कि मेरे माता-पिता भी परेशान हैं। जहां से न्याय मिलना था, वहां पेशकार से लेकर जज तक रिश्वत लेने को तैयार हैं। कहते थे कि 3 लाख रुपए दीजिए, 5 लाख रुपए दीजिए, तो आपका सेटलमेंट करा दिया जाएगा। नहीं तो परेशानी आपको ही होगी।”जब जज की ओर से रिश्वत की मांग की गई तो मेरे बेटे अतुल ने कहा कि आप ऐसा बोल रही हैं, तो ऐसे में तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। इतने पैसे मैं कहां से दूंगा।”पहले जज की ओर से भरण-पोषण के लिए 40 हजार की रकम तय की गई, बाद में इसे 80 हजार रुपए कर दिया गया। आप सोच कर देखिए, कोई इंसान ऐसे में क्या करेगा। मेरा बेटा शहीद हो गया।’

 

 

जवान बेटे को खो चुके माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।

घटना वाले दिन बात हुई, लेकिन कुछ नहीं बताया.पवन ने कहा, ‘अतुल ने ये सब पहले से प्लान किया था कि उसे क्या करना है। घटना से पहले हमारी एक घंटे बाद हुई है। उसने मुझे कुछ नहीं बताया। घर परिवार की बातें बहुत आसानी से होती रही।’

 

‘आपने उसका आखिरी वीडियो देखा होगा, उसमें उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी, कोई चिंता का भाव नहीं था। अगर हम लोगों को थोड़ा-सा भी अंदेशा होता, तो हम उसे समझाते, बात करते, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। वो सोचता था कि माता पिता को कुछ भी बताकर कष्ट न दूं, बस ये उसकी सोच थी।”जब जज के सामने अतुल ने कहा कि मेरी पत्नी और सास की ओर से 1 करोड़ रुपए की डिमांड है, इसके बाद 3 करोड़ की डिमांड की जा रही है। ऐसे में कोई क्या करेगा, सुसाइड कर लेगा।’

 

‘तब उसकी पत्नी ने कहा कि अभी तक आपने सुसाइड क्यों नहीं किया? इसके बाद जज हंसने लग गई। अतुल बाहर निकला, तो उसकी सास ने भी यही बात कही। अतुल ने उसी वक्त डिसिजन ले लिया होगा कि उसे क्या करना है। ये बातें मार्च 2024 की है।’अतुल ने अपने सुसाइड नोट में भी जज के सामने पत्नी के द्वारा आत्महत्या के लिए उकसाने की बात का जिक्र है।

एक केस खत्म, तो दूसरा शुरू हो जाता था

 

भास्कर से बात करते हुए पिता ने आगे कहा, ‘बेंगलुरु में अतुल अकेले रहता था। पत्नी 2021 में अपने बेटे को लेकर जौनपुर आ गई थी। इसके बाद कुक आता था, खाना बनाता था। मेड आती थी, जो साफ सफाई करती थी।”मेरा छोटा बेटा तो कभी बेंगलुरु नहीं गया, उससे तो कभी बहू की मुलाकात भी अच्छी तरह से नहीं है। न मेरी बहू कभी मेरे छोटे बेटे के पास दिल्ली गई, लेकिन उसने मेरे छोटे बेटे के खिलाफ भी केस दर्ज करा दिया। मेरे पूरे परिवार के खिलाई 20 से 25 केस दर्ज कराया है। एक केस खत्म होता है, तो दूसरा शुरू हो जाता है।’

 

‘मेरे बेटे ने सुसाइड से पहले मेरे छोटे बेटे यानी अपने छोटे भाई को मेल किया था। अपने जान पहचान के एक NGO वालों को मेल किया था। मेरे बेटे के पास जब मेल गया तो उसने ये सब देखा और NGO वालों को फोन किया, तो उनका फोन बंद आया।”इसके बाद जब बात हुई, तो NGO वालों ने बताया कि हमारे पास भी मेल आया है, तो मेरे बेटे विकास ने कहा कि ठीक है, आप लोग जाकर देखिए कि क्या हुआ है। जब NGO वाले गए तो देखा कि दरवाजा बंद है। फिर पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने बेल बजाया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। फिर दरवाजा तोड़ा गया। इसके बाद शाम को पटना से हम लोग बेंगलुरु पहुंचे।’

 

अतुल की सास ने मकान खरीदने के लिए उससे पैसे लिए थे- भाई

 

अतुल सुभाष के चचेरे भाई बजरंग ने बताया कि ‘8 दिसंबर की देर रात घटना हुई और 9 दिसंबर को हम लोगों को इस बारे में जानकारी मिली। वहां के प्रशासन से बातचीत के बाद हमारा परिवार यहां से बेंगलुरु के लिए निकला, दिल्ली से अतुल का छोटा भाई भी बेंगलुरु के लिए निकला। 10 को पोस्टमॉर्टम हुआ, दाह संस्कार हुआ, अब मेरे परिवार के लोग समस्तीपुर आ रहे हैं।’

 

‘मेट्रोमोनियल साइट पर दोनों मिले, फिर परिजन की सहमति से बनारस में शादी हुई। 2 साल पहले यानी बच्चा होने के बाद दोनों के बीच टेंशन की बातें सुनने को मिली।”दरअसल, अतुल की सास ने किसी मकान को खरीदने के लिए दामाद से पैसे लिए थे। पैसे को लेकर कई बातें सामने आईं। जिसके बाद मनमुटाव की खबरें आईं। फिर तलाक की भी बातें सामने आई। इसके बाद प्रशासन और न्यायिक व्यवस्था ने अतुल को इतना परेशान कर दिया, कि उन्होंने आत्महत्या कर ली।’

 

 

वोट देने गांव आया था अतुल- संत सुमन

 

अतुल के बचपन के दोस्त संत सुमन ने बताया, ‘बचपन से ही वो पढ़ने में काफी तेज था। बचपन से ही अतुल का इंजीनियर बनने का सपना था, जो साकार भी हो गया। उसे इतनी अच्छी कंपनी में इतना अच्छा पोस्ट और पैकेज मिला था। लोकसभा चुनाव के दौरान वो गांव आया था। तब हमारी मुलाकात हुई थी, हमारी आखिरी मुलाकात थी।’अतुल से तो परिवार के बारे में कुछ नहीं पता चला, लेकिन आसपास के लोगों के बीच चर्चा थी कि उनका उनकी पत्नी से तलाक का मामला चल रहा है। जो वीडियो सामने आया है, उसे देखकर आपको पता चलेगा कि वो काफी परेशान था। शायद अतुल को लगता था कि वो सब मैनेज कर लेंगे और सब कुछ ठीक हो जाएगा।’ सोर्स :दैनिक भास्कर।

Kunal Gupta

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