Sunday, December 22, 2024
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“दहेज कानून पर गहरी चिंता,सुसाइड से पहले अतुल सुभाष ने क्यों कहा था ‘सिस्टम से तंग हूं’? 

बेंगलुरु में बिहार के समस्तीपुर जिले के वैनी पूसा रोड निवासी एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले ने पूरे जिले को झकझोर दिया है. 34 वर्षीय अतुल ने कथित तौर पर पत्नी की प्रताड़ना और सिस्टम से निराश होकर अपनी जान ली. इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि सोशल मीडिया पर भी गहरी बहस छेड़ दी है. अतुल की मौत ने इस सच्चाई को उजागर कर दिया

 

 

ग्रामीण मनोज राय का कहना है कि अतुल की आत्महत्या दरअसल सिस्टम की विफलता को दर्शाती है. वे मानते हैं कि इस घटना ने समाज को दहेज कानून के गलत इस्तेमाल पर सोचने पर मजबूर किया है. अतुल के चचेरे भाई बजरंग प्रसाद भी इस विचार से सहमत हैं, और उनका कहना है कि दहेज कानून का दुरुपयोग पुरुषों के साथ अन्याय का कारण बन रहा है. अतुल की मौत ने इस सच्चाई को उजागर कर दिया है कि पुरुषों को भी परिवार और समाज से समर्थन की आवश्यकता है, लेकिन उनके लिए कोई प्रभावी कानूनी सुरक्षा नहीं है.

 

अतुल के भाई विकास ने इस मामले में और भी गंभीर आरोप लगाए

विकास का कहना है कि भारत में पुरुषों के लिए कोई ठोस कानून नहीं है. विकास ने बताया कि अतुल की पत्नी ने उनसे अलग होने के आठ महीने बाद तलाक का केस दायर किया और उनके परिवार के खिलाफ कई आरोप लगाए. विकास के अनुसार, अतुल इन समस्याओं से लगातार जूझ रहा था, लेकिन आखिरकार वह हार गया और इस स्थिति से उबरने के बजाय आत्महत्या करने को मजबूर हो गया.

 

अतुल के पिता ने बताया कि उनका बेटा मानसिक तनाव में था

अतुल के पिता पवन कुमार ने भी बताया कि उनका बेटा मानसिक तनाव से गुजर रहा था, लेकिन उसने कभी अपने परिवार को इसके बारे में नहीं बताया. पवन ने यह भी आरोप लगाया कि बेंगलुरु से जौनपुर तक के अपने कई सफरों के दौरान अतुल को मीडिएशन कोर्ट और कानून के पालन में गंभीर समस्याएं आईं, और इससे उसका मानसिक तनाव और बढ़ गया.

 

अतुल की दुखद मौत ने न केवल उसके परिवार बल्कि पूरे समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमें दहेज कानून में सुधार की आवश्यकता है, ताकि इसे सिर्फ एक पक्ष के खिलाफ नहीं, बल्कि सही तरीके से लागू किया जा सके।

Kunal Gupta
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