खुलेआम बिक रही पॉलिथीन:सरकार ने विधान परिषद में चार पन्नों का दिया जवाब; अब तक 16.5 टन प्लास्टिक जब्त
पटना.मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि स्थानीय नगर निकायों की ओर से प्रतिबंध पर कार्य किया जा रहा है। इसके कारण प्रतिबंधित एकल उपयोग प्लास्टिक के उपयोग में काफी कमी देखी जा रही है। नन-ओभेन प्लास्टिक कैरी बैग, जो पॉलीप्रोपाइलीन से निर्मित होती है और अन्य प्रतिबंधित एकल उपयोग प्लास्टिक में पाए जाने वाले रसायनों और माइक्रो-प्लास्टिक के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है।
बिहार में 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध है। लेकिन, इसके उपयोग पर रोक के लिए प्रशासन तत्पर नहीं है। ये बातें एमएलसी सर्वेश कुमार ने विधान परिषद में गुरुवार को कही। इसके जवाब में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि यह आंशिक रूप से स्वीकार्य है। विभाग ने यह भी स्वीकार किया है कि इससे पर्यावरण को हानि पहुंच रहा है। लोगों के जीवन पर बुरा असर पड़ रहा है।
23 जून 2018 को भास्कर में प्रकाशित रिपोर्ट पर पटना हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था। कैबिनेट से मंजूरी के बाद नीतीश सरकार ने पॉलिथीन पर बैन लगाया था। विभागीय मंत्री ने विधान परिषद में बताया कि सरकार इसको लेकर कई तरह के प्रयास कर रही है। दूसरी तरफ सच्चाई यह है कि मॉल को छोड़ दें तो खुलेआम पॉलिथीन की खरीद-बिक्री हो रही है।
बिहार में प्लास्टिक की डंडियों वाले इयर बड्स, प्लास्टिक की डंडियों वाले बैलून, प्लास्टिक के झंडे, थर्मोकॉल, प्लेट, कप, ग्लास, चम्मच के साथ 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक और पीवीसी के बैनर पर बैन है।बिहार में प्लास्टिक की डंडियों वाले इयर बड्स, प्लास्टिक की डंडियों वाले बैलून, प्लास्टिक के झंडे, थर्मोकॉल, प्लेट, कप, ग्लास, चम्मच के साथ 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक और पीवीसी के बैनर पर बैन है।
विभागीय मंत्री ने चार पन्नों के जवाब में ये जानकारियां दी
मंत्री प्रेम कुमार ने चार पन्नों का उत्तर विधान परिषद में दिया। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव, बिहार सरकार की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय विशेष कार्यबल, जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कार्यबल, अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में अनुमंडल स्तरीय कार्यबल और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लोक स्वास्थ, परिवार कल्याण और ग्रामीण स्वच्छता से संबंधित जिला परिषद, पंचायत समिति, ग्राम पंचायत स्तर की स्थाई समिति, प्लास्टिक नियमावली और प्रतिबंधित प्लास्टिक के संबंध में निर्गत विभिन्न आदेशों का अनुश्रवण करेगी।
हर स्थानीय नगर निकायों में सिटी स्क्वाड का गठन
सदन में मंत्री ने कहा कि चिन्हित एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रभावी रुप से प्रतिबंध लगाने के लिए ‘बिहार नगरपालिका प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन उप- विधि, 2018’ के तहत प्रत्येक स्थानीय नगर निकाय में सिटी स्क्वाड का गठन किया गया है। सिटी स्क्वाड का कार्य पॉलिथिन बैगों का उसकी मुटाई का विचार किए बिना जब्त करना और प्रावधानों के उल्लंघन करने वाले पर जुर्माना करना है।
मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि चिन्हित एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रभावी रुप से प्रतिबंध लगाने के लिए ‘बिहार नगरपालिका प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन उप- विधि, 2018’ के तहत प्रत्येक स्थानीय नगर निकाय में सिटी स्क्वाड का गठन किया गया है।
अब तक की गई कार्रवाई
1. दुकानों पर की गई छापेमारी की संख्या- 30932
2. छापेमारी के लिए नियुक्त दलों की संख्या- 381
3. उल्लंघनकर्ता दुकानों की संख्या- 9786
4. उल्लंघनकर्ता के खिलाफ जारी चालानों की संख्या- 4493
5. आरोपियों पर लगाई गई जुर्माने की राशि- 38,08,640 रुपए
6. जब्त की गई प्रतिबंधित प्लास्टिक की मात्रा- 16.5 टन
7. जागरूकता कार्यक्रमों की संख्या-1607
लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर
मंत्री प्रेम कुमार ने स्वीकार करते हुए कहा है कि स्थानीय नगर निकायों की ओर से प्रतिबंध पर कार्य किया जा रहा है। इसके कारण प्रतिबंधित एकल उपयोग प्लास्टिक के उपयोग में काफी कमी देखी जा रही है। नन-ओभेन प्लास्टिक कैरी बैग, जो पॉलीप्रोपाइलीन से निर्मित होती है और अन्य प्रतिबंधित एकल उपयोग प्लास्टिक में पाए जाने वाले रसायनों और माइक्रो-प्लास्टिक के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है।
एकल उपयोग प्लास्टिक के उत्पादन पर रोक, फिर भी पॉलिथीन का उपयोग
1. मुख्य सचिव की ओर से 6 अप्रैल 2022 को पत्र द्वारा प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग सरकारी कार्यालयों में और बैठकों में प्रतिबंधित किया गया है।
2. एकल उपयोग प्लास्टिक के उत्पादन करने वाली इकाइयों को संचालन की सहमति 31 जून, 2022 से समाप्त कर दी गई है।
3. दैनिक समाचार पत्रों और अन्य माध्यमों से जैसे कि होर्डिंग, बैनर, साइकिल रैली, नुक्कड़ नाटक, सोशल मीडिया इत्यादि के माध्यम से आम जनों को जागरूक किया गया है। सभी प्रखंड कार्यालयों में होर्डिंग लगाकर भी लोगों को जागरूक किया गया है।
4. पर्षद द्वारा राज्य में एकल उपयोग प्लास्टिक सामाग्रियों के विकल्प के रूप में Compostable Plastic सामग्री निर्माण हेतु निम्नलिखित इकाइयों को स्थापनार्थ एवं संचालनार्थ सहमति प्रदान दिया गया है। राज्य में मगध पॉलिप्लास्ट इंडस्ट्रीज, आराध्या इंडस्ट्रीज, एमएसबी पोल्यामर्स, अन्नपूर्णा डिस्पोजिबल प्राइवेट लि., जी.सी. डिवाइन इस्टेड प्राइवेट लि. कार्यरत है।
5. चिन्हित एकल उपयोग प्लास्टिक पर जन-जागरण के लिए समय-समय पर प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। पितृपक्ष के दौरान गया और सोनपुर मेला में प्रदर्शनी लगाई गई है।
6. चिन्हित एकल उपयोग प्लास्टिक के संबंध में जन- शिकायत प्राप्ति के लिए पर्षद में एक कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। जिसे समाचार पत्र के माध्यम से भी प्रचारित किया गया है।
7. राज्य पर्षद की ओर से प्रतिबंधित कैरी बैग और एकल उपयोग प्लास्टिक के निर्माण के लिए औद्योगिक इकाइयों को स्थापना और संचालन की सहमति प्रदान नहीं की जा रही है।
सोर्स :प्रभात खबर।