वॉट्सएप पर आए शादी के डिजिटल कार्ड खोलने से बचें, खाली हो सकता है खाता
मुजफ्फरपुर.अभी शादी का सीजन चल रहा है। नाते-रिश्तेदारों व शुभचिंतकों को कार्ड से न्योता भेजा जा रहा है। लेकिन, इसकी आड़ में साइबर फ्रॉड गिरोह ने ठगी करने का नया पैंतरा अपनाया है। शादी का डििजटल कार्ड भेजकर लोगों की गाढ़ी कमाई उड़ा रहे हैं। जिले में अब 70 प्रतिशत लोग हार्ड कॉपी के साथ-साथ डिजिटल कार्ड भी भेजते हैं। यही कारण है कि साइबर अपराधियों ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया है। व्हाट्सएप के जरिए डिजिटल कार्ड भेजते हैं। डाउनलोड करने पर अचानक एक के बाद एक कई एसएमएस मोबाइल पर आने लगते हैं।
इसके बाद उस मोबाइल नंबर से जुड़े खाते से राशि की निकासी होने लगती है। जबतक पीड़ित इसे समझ पाता है, तबतक उसका अकाउंट खाली हो जाता है। इस बारे में बैंक कर्मियों ने बताया, जिस डिजिटल कार्ड को डाउनलोड किया जाता है, उसके जरिए ही फोन का सारा डाटा हैक होता है। फिर साइबर फ्रॉड आसानी से खाते से रुपए उड़ा लेते हैं। सोशल मीडिया पर तेजी से इससे जुड़े वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। साइबर ठगी से बचने के लिए मुजफ्फरपुर साइबर पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है।
साइबर फ्रॉड गिरोह ने शादी के डिजिटल कार्ड के नाम पर वायरस फाइल (एपीके फाइल) भेजनी शुरू कर दी है, जिनसे फोन में मालवेयर डाउनलोड होता है। ये फाइलें व्हाट्सएप, ईमेल या सोशल मीडिया के माध्यम से भेजी जाती हैं। जैसे ही यूजर डाउनलोड करता है, मोबाइल में मालवेयर इंस्टॉल हो जाता है।
साइबर फ्रॉड मोबाइल सिम क्लोनिंग के जरिए भी ग्राहकों को चूना लगा रहे हैं। मोबाइल सिम क्लोनिंग के जरिए फ्रॉड व्यक्ति के फोन नंबर पर नियंत्रण प्राप्त कर लेते हैं। मूल सिम का डुप्लीकेट सिम बनाया जाता है। यह सिम स्वैपिंग की तरह है। सिम की क्लोनिंग करने से फ्रॉड मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके नियंत्रण और ट्रैक करने, मॉनिटर करने, कॉल सुनने, कॉल करने और टेक्स्ट भेजने में सक्षम हो जाता है। इसके जरिए वॉयस क्लोनिंग ठगी भी करते हैं। इसमें साइबर अपराधी आवाज को क्लोन करने के लिए एडवांस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं।