“पूर्व विधायक ने 18 साल छोटी लड़की से की शादी: विधानसभा चुनाव में पत्नी को उतार सकते,दोहरे हत्याकांड में जेल भी जा चुके
समस्तीपुर के विभूतिपुर विधानसभा से पूर्व विधायक रामबालक सिंह ने सोमवार को दूसरी शादी कर ली। 49 साल के रामबालक सिंह ने बेगूसराय के गढ़पुरा स्थित मंदिर में अपने से 18 साल कम उम्र की लड़की से शादी रचाई है। दुल्हन खगड़िया के हरिपुर गांव के सीताराम सिंह की बेटी रवीना कुमारी (31) है। चर्चा है कि वे अपनी नई पत्नी रवीना को 2025 के विधानसभा चुनाव में उतार सकते हैं।दरअसल, समस्तीपुर में डबल मर्डर केस में नाम आने के बाद रामबालस सिंह को जेल जाना पड़ा था। फिलहाल अभी वह बेल पर हैं। जानकारी के मुताबिक, दो साल पहले उनकी पहली पत्नी की कैंसर से मौत हो गई थी। उनकी पत्नी भी मुखिया रह चुकी है.
20 फरवरी 2023 को विभूतिपुर थाना क्षेत्र में सिंघिया बुजुर्ग दक्षिण पंचायत के पूर्व मुखिया सुरेंद्र प्रसाद सिंह और उनके सहयोगी सत्यनारायण महतो की बाइक सवार अपराधियों ने हत्या कर दी थी। हत्या के दूसरे दिन मृतक पूर्व मुखिया के भाई रंजीत प्रसाद ने विभूतिपुर के पूर्व जदयू विधायक रामबालक सिंह, उनके भाई लाल बाबू सिंह समेत 6 लोगों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई।मामले में पूर्व विधायक राम बालक सिंह के साथ ही उनके भाई लाल बाबू सिंह आदि को आरोपी बनाया गया था। बाद में पुलिस ने लाल बाबू को दिल्ली से जबकि पूर्व विधायक को छपरा स्टेशन से गिरफ्तार किया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई थी।
पूरा मामला समझिए
मृतक पूर्व मुखिया के भाई रंजीत प्रसाद ने अपने FIR में आरोप लगाया गया था, ‘सिंघिया बुजुर्ग दक्षिण पंचायत से सुरेंद्र प्रसाद सिंह पूर्व में मुखिया थे। पंचायत चुनाव में यह सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो गई। जिसके बाद इस सीट पर सुरेंद्र प्रसाद ने अपनी पत्नी ममता देवी को चुनाव मैदान में उतारा। वहीं विभूतिपुर के पूर्व विधायक रामबालक सिंह ने अपनी पत्नी आशारानी को चुनाव मैदान में खड़ा किया।
चुनाव में आशा रानी ने ममता देवी को 61 वोटों के अंतर से हरा दिया। बीते साल यानी अक्टूबर 2022 में कैंसर की लंबी बीमारी के बाद आशा रानी की मौत हो गई। जिसके बाद यह सीट खाली हो गई और इस सीट पर उपचुनाव कुछ दिन में होने वाली है।प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया कि उपचुनाव में सुरेंद्र प्रसाद सिंह अपनी पत्नी ममता देवी को दोबारा मैदान में उतारना चाहते थे। वहीं पूर्व विधायक पत्नी की मौत के बाद अपनी बेटी को यहां से मुखिया बनाना चाहते थे। जिस बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया थी।
प्राथमिकी में यहां तक आरोप था कि पंचायत चुनाव में खड़ा नहीं होने के लिए पूर्व विधायक और उनके भाइयों की ओर से तरह-तरह से धमकी दी जा रही थी। यहां तक की हत्या कर देने की धमकी भी दी गई थी। प्राथमिकी में दावा किया गया था कि सुरेंद्र प्रसाद सिंह की पत्नी चुनाव मैदान में खड़ा नहीं हो, इसलिए पूर्व विधायक और उनके लोगों ने इस घटना कांड को अंजाम दिया।
एक अश्लील वीडियो को लेकर भी दोनों के बीच चल रही थी तनातनी
करीब डेढ़ साल पहले पूर्व विधायक रामबालक सिंह का एक अश्लील वीडियो वायरल हुआ था, जो सुरेंद्र प्रसाद सिंह को हाथ लग गया था, जिससे पूर्व विधायक की छवि धूमिल हो सकती थी। बताया जाता है कि वीडियो को लेकर पूर्व विधायक और सुरेंद्र प्रसाद सिंह के बीच समझौता भी हुआ था, लेकिन सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने उसे डिलीट नहीं किया।जानकारी के मुताबिक, सुरेंद्र प्रसाद सिंह पंचायत उपचुनाव में वीडियो को मोहरा बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। जिस कारण दोनों के बीच तनातनी की स्थिति बन गई थी।
आर्म्स एक्ट में 21 साल बाद पाए गए थे दोषी
4 मई 2000 को माकपा नेता ललन सिंह विभूतिपुर में एक शादी में गए थे। वहीं पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई लालबाबू सिंह ने उनपर हमला किया। ललन सिंह वहां से भागे तो दोनों ने उनका पीछा किया और उन्हें गोली मार दी। ये गोली उनके दाहिने हाथ की उंगली में लगी, जिससे वो जख्मी हो गए। बाद में ललन सिंह ने विभूतिपुर थाने में केस दर्ज कराया था।17 जनवरी 2012 को मामले में पुलिस की ओर से चार्जशीट दाखिल होने के बाद कोर्ट ने रामबालक सिंह और लालबाबू सिंह पर चार्ज फ्रेम किए। 21 सालों तक चली लंबी बहस और सुनवाई के बाद समस्तीपुर कोर्ट ने 10 सितंबर 2021 उन्हें आर्म्स एक्ट का दोषी पाया। जिसके बाद कोर्ट ने 13 सितंबर को रामबालक सिंह और उनके भाई लालबाबू सिंह को 3 साल के लिए जेल भेज दिया था।