Thursday, October 24, 2024
Samastipur

समस्तीपुर:ऐसी कक्षा की कल्पना करें,जहां सीखना रोमांच की तरह हो,प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग कार्यक्रम

समस्तीपुर : शहर के अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय में बुधवार को प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रखंडवार मध्य विद्यालय के विज्ञान व गणित के पदस्थापित शिक्षकों का एक दिवसीय क्षमतावर्धन कार्यशाला हुई. बुधवार को कल्याणपुर, खानपुर, मोहनपुर, मोहिउद्दीन नगर व विद्यापतिनगर के मध्य विद्यालय के विज्ञान एवं गणित पढ़ाने वाले शिक्षकों ने कार्यशाला में भाग लिया. बीइपी के संभाग प्रभारी अर्जुन कुमार ने कहा कि एक ऐसी कक्षा की कल्पना करें, जहां सीखना एक रोमांचक रोमांच की तरह हो. प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण में,

 

 

छात्र पूरे दिन सिर्फ बैठकर व्याख्यान नहीं सुनते. इसके बजाय वे खोजकर्ता और निर्माता बन जाते हैं. वे प्रोजेक्ट लर्निंग पर एक साथ काम करते हैं जो उनके दिमाग में जिज्ञासा और उत्साह भर देता है. प्रोजेक्ट लर्निंग छात्रों का ध्यान आकर्षित करके और सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देकर सीखने के अनुभव और सीखने के अवसरों में क्रांतिकारी बदलाव लाता है. प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण एक शिक्षण पद्धति है जिसमें छात्र एक प्रामाणिक, आकर्षक और जटिल प्रश्न, समस्या या चुनौती की जांच करने और उसका जवाब देने के लिए लंबे समय तक काम करके ज्ञान और कौशल हासिल करते हैं.

 

 

जिला प्रशिक्षक मनीष चन्द्र प्रसाद ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग कार्यक्रम बच्चों में करके सीखने के कौशल को विकसित करने का एक बेहतरीन संसाधन है. श्री प्रसाद ने 21वीं सदी में कौशल के 4-सी ( क्रिटिकल थिंकिंग, कोलेबोरेशन, कम्युनिकेशन एवं क्रिएटिविटी) की महत्वपूर्ण आयामों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया.

 

प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग प्रोजेक्ट कक्षा 6 से 8 के विज्ञान एवं गणित शिक्षण में प्रोजेक्ट आधारित पाठ योजना एवं संसाधन सामग्रियां बनाई गई है

 

प्रशिक्षक रितुराज जायसवाल ने प्रशिक्षु शिक्षकों को प्रशिक्षण देते हुए बताया कि प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग प्रोजेक्ट कक्षा 6 से 8 के विज्ञान एवं गणित शिक्षण में प्रोजेक्ट आधारित पाठ योजना एवं संसाधन सामग्रियां बनाई गई है जिससे विद्यार्थी अपने वास्तविक जीवन से जुड़ी चुनौतियों को पाठ में दिए गए अवधारणाओं और उपलब्ध सामग्रियों का उपयोग कर उन्हें सुलझाने का प्रयास करते हैं जिससे उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होगा. प्रशिक्षक अनिल कुमार प्रभाकर ने प्रशिक्षु शिक्षकों को प्रशिक्षण देते हुए बताया कि शिक्षकों द्वारा कक्षा 6 से 8 के विज्ञान के कुल 24 एवं गणित विषय के कुल 18 प्रोजेक्ट के पाठ्य योजनाओं का संबंधित कक्षाओं में क्रियान्वयन करेंगे तथा उससे संबंधित साक्ष्य दीक्षा पोर्टल पर अपलोड करेंगे.

 

 

 

शिक्षकों के रूप में, हमारे छात्रों को आज के बदलते वैश्विक समाज की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार करना आवश्यक है. बढ़ती हुई भागीदारी के साथ, पीबीएल सामग्री की गहरी समझ को प्रोत्साहित करता है जो महत्वपूर्ण सोच, संचार, सहयोग और रचनात्मकता को विकसित करता है, जिसे 21वीं सदी के सीखने के चार सी के रूप में भी जाना जाता है.

Pragati

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