दलसिंहसराय :भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने अपना 85वा स्थापना दिवस समारोह में महिला पार्टी का किया गया विस्तार
दलसिंहसराय शहर के महावीर चौक स्थित पार्टी कार्यालय पर रविवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का 85 वा स्थापना दिवस समारोह राम बिलास शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुई. साथ ही अंचलमंत्री विनोद कुमार समीर ने केक काटकर समारोह का उद्घाटन किया. बैठक को सम्बोधित करते हुए विनोद कुमार समीर ने कहा कि 20 अक्तूबर 1939 को विजयादशमी के दिन मुंगेर में सुनील मुखर्जी की बड़ी बहन शांति चटर्जी के घर पर 20 साथियों ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , बिहार का गठन किया ,जिसके पहले सचिव सुनील मुखर्जी चुने गए. उस समय अंग्रेजों द्वारा भाकपा पार्टी बनाने में प्रतिबन्ध लगा हुआ था.भाकपा आजादी की लड़ाई में पूरे जोश हिम्मत से भाग लिया. बहुत साथी शहीद हुए जुल्म सही सुनील मुख़र्जी के नेतृत्व में आज़ादी के बाद पार्टी विपक्ष के नेता रही.
पार्टी के बास कित परचा, बधुआ मज़दूरी संगठित एवं असंगठित क्षेत्रो के मज़दूरों किसानो बुद्धिजीवियों महिलाओ दलितों छात्र नौजवानो अल्पसंख्यको के लिए काफ़ी संघर्ष किया एवं लड़ाई लड़ी.जिसमें कितने ही साथी शहीद हुए जेल की यातनाये सही जब तक दुनिया मे शोषक शोषित पीड़ित रहेंगे.भाकपा शोषित पीड़ित के लिए संघर्ष करती रहेगी.बिहार में एक लाख से अधिक कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य हैं.दूसरी और बिहार महिला समाज अंचल का सम्मेलन मे मीना शर्मा की अध्यक्षता मे आयोजित हुई.सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए महिला समाज के जिला सयों जक सीता सिन्हा ने कहा कि महिला आज भी शोषण उत्पीड़न कि शिकार हो रही है.महिलाओं को संसद विधानसभा में उचित भागीदारी भी नहीं मिल रही है.
महिलाओं को संगठन बनाकर अपने हक के लिये संघर्ष करना होगा. वही बैठक मे ग्यारह सदस्यीय अंचल कमिटी का गठन किया गय. जिसमे सर्व सम्मति से अध्यक्ष मीना शर्मा सचिव कारो देवी सहायक सचिव बिपति देवी कोषाध्यक्ष बिमला देवी कार्यकरणी सदस्य रेखा देवी इंदु देवी रीना देवी प्रमिला देवी इन्दु देवी चुने गए.साथ ही साथ 27 अक्टूबर 2024 को जिला महिला समाज का सम्मेलन के लिये उपरोक्त महिला से प्रतिनिधि चुना गया.बैठक को शंकर राम शम्भू कुमार चौधरी महेश्वर राम, मोहम्मद निजाम, मोहम्मद यूनुस ,जगदेव दास, पवन कुमार आजाद,गिरधर झा,मजहर आलम,कारों देवी,सुदामा देवी धर्मवीर प्रकास,विनोद कुमार,रविदास,सुभेन्द्र कुमार, उस्मान अंसारी, वासो राय, मीणा देवी,अशोक रजक,चन्दू राम, बोढन दास मौजूद थे.