बिहार के फतुहा में मल्टी लॉजिस्टिक पार्क के निर्माण के लिए उद्योग विभाग को 2025 तक जमीन मिलेगी
पटना.फतुहा में मल्टी लॉजिस्टिक पार्क में 2027 से काम शुरू हो जाएगा। पार्क के निर्माण के लिए 2025 जुलाई तक जमीन अधिग्रहण का काम पूरा होने का अनुमान है। जिसके बाद जिला प्रशासन विभाग की ओर से उद्योग विभाग को जमीन ट्रांसफर की जाएगी। अभी तक लगभग 26 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है। इसके लिए 28 किसानों को 8 करोड़ रुपए से अधिक का मुआवजा दिया गया है।
79 एकड़ जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है। इसके लिए सरकार की तरफ से 167 करोड़ रुपए किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए 275 पंचाट तैयार किया गया है। अर्थात 275 समझौता तैयार हुआ है। जानकारी के मुताबिक बिहार में पार्क के निर्माण के लिए कई वर्षों से मांग की जा रही है। जबकि यूपी, दिल्ली, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में पहले ही मल्टी लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण हो चुका है।
पार्क के निर्माण ले-आउट में 13 माह का लगा समय
मल्टी लॉजिस्टिक पार्क के निर्माण के लिए स्थल का चुनाव और ले आउट तैयार करने में 13 महीने से अधिक समय लगा है। मल्टी लॉजिस्टिक पार्क के निर्माण की योजना 2022 में शुरू की गई थी। लेकिन एक साथ 105 से 115 एकड़ जमीन मिलने में परेशानी हो रही थी। जिन जगहों का चुनाव किया जा रहा था, वहां से दूसरे जगहों की कनेक्टिविटी भी सही नहीं थी। इसकी वजह से फतुआ में जमीन का अधिग्रहण शुरू किया गया है।
मॉल ढुलाई से लेकर मेडिकल सेंटर तक की सुविधा
मल्टी लॉजिस्टिक पार्क में मॉल ढुलाई से लेकर मेडिकल सेंटर की सुविधा होगी। इसके साथ कंटेनर टर्मिनल, कार्गो टर्मिनल, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज, मशीनीकृत सामग्री हैं। रेस्टोरेंट, चालकों के सोने के लिए रूम, कार्यशाला, फ्यूल सेंटर, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग सेंटर, कंटेनर वाशिंग यार्ड, मेडिकल सेंटर, कैंटीन, मनोरंजन पार्क भी होगा।
चापाकल, बोरिंग से जमीन की दूरी का भी मुआवजा
फतुहा में मल्टी लॉजिस्टिक पार्क के निर्माण के लिए जो जमीन चुनी गई है वह ग्रीन फील्ड है। ग्रीन फील्ड जमीन की वजह से चापाकल, बोरिंग, घर का भी मुआवजा मिलेगा। वहां किसान खेती करते है। इसके साथ ही जमीन पर चापाकल, बोरिंग, घर का भी निर्माण किया गया है। इससे चापाकल, बोरिंग, घर, मशीन, मुख्य सड़क से जमीन की दूरी, कॉमर्शियल स्थिति का मूल्यांकन करते हुए किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है।