Saturday, November 23, 2024
Patna

GPS से ई-बस की ट्रैकिंग, खतरा होने पर बजेगा अलार्म:बिहार को 400 ई-बस मिलेगी, पटना से 150 खुलेगी

पटना.बिहार के अलग-अलग शहरों के लिए राजधानी पटना से हर दिन करीब 30 हजार यात्री सफर करते हैं। इसमें राजधानी के अंदर भी यात्रा करने वाले पैसेंजर शामिल हैं। अब इन यात्रियों के लिए सफर करना और भी आसान होने जा रहा है। दरअसल, इस साल दिसंबर महीने के अंत तक बिहार सरकार 400 ई-बस लेकर आ रही हैं।

 

 

इनमें पटना शहर को 150 ई-बस मिलेगी। इसके अलावा बिहार के पांच बड़े शहर गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, पूर्णिया के लिए 50-50 ई-बस मुहैया कराई जाएगी। पीएम ई-बस योजना के तहत बिहार को यह सौगात मिल रही है।फिलहाल पटनावासियों को 27 ई-बस की फैसिलिटी मिल रही है। नई ई-बसें जीपीएस की सुविधा से लैस होंगी। जिससे इनमें सफर रहे यात्रियों के परिजन बस को ट्रैक कर सकेंगे। साथ ही किसी भी तरह का खतरा होने पर बस में अलार्म भी बजेगा।

 

दैनिक भास्कर की इस रिपोर्ट में पढ़िए पहले से चल रही ई-बस सर्विस की क्या स्थिति है। ये किन रूट पर चल रही है। नई 400 ई-बसों में क्या फैसिलिटी मिलेगी और इससे यात्रियों को कितना फायदा होगा।

 

नई ई-बसों पर खर्च किए जाएंगे 874.80 करोड़

 

400 ई-बसों पर 874.80 करोड़ खर्च किए जाएंगे। ई-बस आने से पहले ई-चार्जिंग स्टेशन, बस स्टैंड और बस डिपो का निर्माण किया जाएगा। इसी कड़ी में पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा और पूर्णिया में ई-चार्जिंग स्टेशन, बस स्टैंड, बस डिपो बनाए जा रहे हैं। ई-चार्जिंग स्टेशन के निर्माण में 8 करोड़ 82 लाख खर्च किए जाएंगे। जबकि, बस डिपो बनाए जाने पर 80 करोड़ की लागत आएगी।

 

 

दिसंबर 2023 को नीतीश कैबिनेट ने लिया था निर्णय

 

बिहार में 400 नई ई-बस चलाए जाने का फैसला 5 दिसंबर 2023 को कैबिनेट की बैठक में लिया गया था। केंद्र सरकार के फैसले को बिहार में शुरू करने की घोषणा हुई थी। इसमें 6 प्रमुख शहर पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, दरभंगा और पूर्णिया को चुना गया था। इस दौरान चार्जिंग के लिए स्टेशनों को बनाए जाने की नीति पर भी फैसला हुआ था। इसके अलावा 15 साल पुरानी सरकारी गाड़ी को स्क्रैप करने का भी निर्णय लिया गया था। जुलाई 2024 को बिहार सरकार ने परिवहन निगम को नई बस खरीदने के लिए 72 करोड़ जारी किए थे।

 

500 लोगों को मिलेगा रोजगार

 

कैबिनेट एसीएस डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया था कि इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा। प्रदेश के अंदर ई-चार्जिंग प्वाइंट समेत अन्य सुविधाओं के लिए वैकेंसी निकाली जाएगी। पांच सौ से अधिक लोगों को डायरेक्ट और इन डायरेक्ट तौर पर जॉब मिलेगी। 400 नई ई-बस से करीब 30 हजार यात्रियों को आने-जाने की सुविधा मिलेगी।

 

 

2 बार तारीख एक्सटेंड किया गया

 

400 नई ई-बसों के लिए दो बार तारीख एक्सटेंड किए गए। बस मिलने के लिए पहली तिथि अगस्त थी। बाद में इसे सितंबर किया गया। अब परिवहन विभाग के मुताबिक पीएम ई-बस के तहत बिहार को 400 बसें दिसंबर तक मिल जाएगी। इधर, सूत्रों के मुताबिक अभी तक केंद्र सरकार की ओर से वाहनों को खरीदने समेत इन्फ्रास्ट्रक्चर की टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।

 

बिहार सरकार ने प्रक्रिया पूरी कर प्रस्ताव केंद्र को भेज दिया है

 

बिहार सरकार के बीएसआरटीसी एडमिनिस्ट्रेटर अभय झा ने बताया कि बिहार सरकार ने प्रक्रिया पूरी कर केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेज दिया है। वहां से गाड़ी मिलने पर सड़क पर दौड़ने लगेगी। बिहार सरकार अपनी ओर से बस डिपो का कई जगह निर्माण कर चुकी है।

 

पटना में फिलहाल 27 ई-बस की सुविधा

 

पटना में फिलहाल 27 ई-बस चलाए जा रहे हैं। 27 में से 2 रिजर्व में रखा गया है। पटना से सबसे ज्यादा नालंदा के लिए 6 बस खुलती है। वहीं, बिहारशरीफ और राजगीर के लिए तीन-तीन बसें खुलती है। गांधी मैदान सरकारी बस अड्डा से ये सभी बसें खुलती हैं।पटना में चलने वाली ई-बसों की सीटें खाली है। पीक आवर को छोड़ दिनभर एसी बसों की सीटें खाली दिखती है। किराया अधिक होने की वजह से पैंसेंजर नहीं मिलते हैं। पटना एयरपोर्ट से स्टेशन के लिए ई-बस का किराया सौ रुपया है। जबकि, दूसरी गाड़ियां पचास में पहुंचा देती है।

Kunal Gupta
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