जिस दिन चारों भाइयों में एकता स्थापित हो जाएगी उसी दिन भारत हिंदू राष्ट्र बन जाएगा : अनिरुद्धाचार्य
समस्तीपुर।भारत में एक ही परमपिता की संतान, सहोदर चार वर्ण की एकता से भारत बनेगा हिन्दू राष्ट्र। ये बातें उदयपुर में श्रीमद्भागवत कथा महा यज्ञ समारोह को सम्बोधित करते हुए डॉ अनिरुद्धखचार्य ने कही। वृंदावन के श्रीमद्भागवत कथा वाचक डॉक्टर अनिरुद्धाचार्य जी ने स्पष्ट किया कि भारत के सहोदर इन चार वर्ण भाइयों में एकता नहीं रहने के कारण ही पहले मुगलों ने फिर एवं अंग्रेजों ने आठ सौ वर्षों तक भारत माता को गुलाम बनाये रखा। जिस दिन चारों भाइयों में एकता स्थापित हो जाएगी उसी दिन भारत हिंदू राष्ट्र बन जाएगा।
डॉ अनिरुद्धाचार्य ने स्पष्ट किया कि इसी एकता के नहीं रहने के चलते बिहार में आज व्यापक रूप से धर्म परिवर्तन हो रहा है। यही हाल सारे देश का है। देश को बचाने के लिए चारों भाइयों में एकता निश्चित रूप से स्थापित करनी होगी। कथा वाचक ने राष्ट्रीय एकता की स्थापना के लिए लाखों लोगों को संकल्प दिलाया। श्रीमद् भागवत कथा में राष्ट्रभक्ति की ऐसी गंगा बही, कि बहुत देर तक श्रद्धालुओं ने इस देश भक्ति की गंगा में सराबोर होकर देर तक तालियां तालियां बजाते रहे।
कथावाचक ने कहा कि आज नवरात्र के अवसर पर भागवत की कथा कही जा रही है। पवित्र नवरात्रा नारी पूजा का महापर्व है। भारत नारी पूजा को लेकर ही महान बना था और फिर बनेगा। डॉ अनिरुद्धाचार्य ने मांस भक्षण को दुनिया का सबसे बड़ा महापाप बताते हुए कहा कि मांस मछली खाने वाले लोगों में हिंसा की प्रवृत्ति जग जाती है ,जिससे सारा समाज और देश अशांत हो जाता है।
वही मोहिउद्दीननगर प्रखंड के हरैल गांव में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के पांचवे दिन श्रोता श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। स्वंय सेवकों को इस दौरान काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा। कथा के पांचवे दिन वृंदावन से पधारी महान कथा वाचिका दीदी पुष्पाजंलि जी ने कहा कि जीवन रूपी नैया को पार करने के लिए राम नाम ही एक मात्र सहारा है।वर्तमान दौर में ऐसा कोई मनुष्य नहीं है जो दुखी न हो। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं होता है कि हम भगवान का स्मरण करना ही छोड़ दें। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे। राम नाम का स्मरण करने मात्र से हर एक विषम परिस्थिति को पार किया जा सकता है।