Tuesday, September 24, 2024
Patna

बिहार में रोजाना 6 हजार कॉल… इनमें 25% महिलाओं के:महिलाओं को सुरक्षित सफर की सुविधा देगा डायल 112

पटना समेत पूरे बिहार की महिलाएं किसी भी वक्त निडर होकर सफर करें। घर से निकलने के पहले बस डायल 112 पर फोन कर लें। बिहार पुलिस पायलट प्रोजेक्ट के तहत 5 सितंबर से पटना, नालंदा, गया, भागलपुर, बेगूसराय और मुजफ्फरपुर में निडर नारी कॉन्सेप्ट के तहत चौबीस घंटे सुरक्षित सफर सुविधा शुरू कर रही है। इन जिलों से मिले फीडबैक के बाद 15 सितंबर से पूरे बिहार में यह सुविधा दी जाएगी। ऐसा करने वाला बिहार, देश का तीसरा राज्य होगा। हरियाणा में 2023 से और तेलंगाना में 2024 से यह सुविधा महिलाओं को चौबीसो घंटे निःशुल्क दी जा रही है।

 

घर से कहीं जाना है तो डायल 112 को फोन करें

 

एडीजी ने बताया कि महिलाएं अगर कभी भी किसी वक्त भी घर से बाहर निकलती हैं तो डायल 112 पर फोन करें। उनके फोन के बाद डायल 112 से उनके मोबाइल पर फोन जाएगा जिसमें उनसे जानकारी ली जाएगी कि आप कहां जा रहीं हैं। उसके बाद डायल 112 की टीम उन्हें डिजिटली आैर फोन से ट्रैक करती रहेगी। एलबीएस यानी लोकेशन बेस्ड सिस्टम से उनके मोबाइल का लोकेशन लेती रहेगी। जब महिला गंतव्य स्थान तक पहुंच जाएंगी तो फिर डायल 112 की टीम फोन करेगी।

 

पर्व-त्योहार को देखते हुए इसे शुरू किया गया

 

एडीजी ने बताया कि दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ के अवसर पर महिलाओं का आवागमन बढ़ जाता है। पर्व-त्योहारों की खरीदारी को लेकर महिलाएं देर रात तक यात्रा करती हैं। बिहार पुलिस फेस्टिवल सीजन शुरू होने से पहले महिलाओं को सुरक्षित सफर सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है ताकि वे घर के बाहर भी सुरक्षित महसूस करें। गंतव्य स्थान पर सुरक्षित पहुंचने के बाद फीडबैक भी लिया जाएगा ताकि उनके फीडबैक के आधार पर इस सुविधा को और बेहतर बनाया जा सके।

 

बिहार में डायल 112 की सुविधा 2022 में शुरू हुई थी। पूरे बिहार से रोजाना इसपर करीब 6 हजार कॉल आते हैं। इनमें 25 फीसदी कॉल महिलाएं करती हैं। 2022 से अब तक 20 लाख लोगों को डायल 112 से मदद दी गई है। इस साल 15 लाख लोगों को डायल 112 से मदद करने का टारगेट रखा गया है। पूरे बिहार के शहरी से लेकर ग्रामीण इलाकों तक डायल 112 के 1833 वाहन हैं। तकनीकी सेवाएं व वायरलेस के एडीजी निर्मल कुमार आजाद आैर डीआईजी अनिल कुमार पांडेय ने बताया कि डायल 112 पर कॉल करने के बाद पुलिस पीड़ित के पास 10-15 मिनट में पहुंच जाएगी। इस प्रोजेक्ट में सी-डैक तकनीकी सहायता प्रदान करेगी। बिहार में अब तक डायल 112 के माध्यम से आपातकालीन पुलिस सहायता, फायर ब्रिगेड व एम्बुलेंस जैसी सेवाएं मिलती आ रही हैं। अब तकनीकी एजेंसी से डायल 112 का विस्तार किया जा रहा है।

Pragati
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