“शादी नहीं करनी, इसीलिए घर से भागी थी 4 युवतियां:पुलिस मुंबई से वापस लाई; पिता बोले कब तक पढ़ाऊंगा
नई दिल्ली. भोपाल के दमोह के कमला नेहरू गर्ल्स कॉलेज की 4 छात्राओं को पुलिस मुंबई से वापस ले आई है। छात्राओं का कहना है कि इनमें से तीन के परिजन उनकी शादी करना चाहते हैं लेकिन वे पढ़ना चाह रही हैं। शादी से बचने के लिए वे घर से भागी थीं। एक की छोटी बहन भी साथ में थीं।
दमोह के अलग-अलग गांवों की रहने वाली चारों छात्राएं फर्स्ट ईयर में पढ़ती हैं। रोज एक ही बस से कॉलेज तक का सफर तय करती हैं।
पुलिस के मुताबिक, किरण पिता धनीराम पटेल (18), किरण पिता भगवत पाल (18) के साथ पिंकी (19) और सुनीता (18) पिता लट्टू अहिरवार सोमवार को कॉलेज के लिए घर से निकली थीं। देर शाम तक घर नहीं लौटी तो परिजन ने तलाश शुरू की। कुछ पता नहीं चलने पर पुलिस को सूचना दी।
कॉलेज के सीसीटीवी में नजर नहीं आईं
पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर कॉलेज के सीसीटीवी चेक किए लेकिन छात्राएं नजर नहीं आईं। एक छात्रा ने मंगलवार को अपने पिता से फोन पर कहा- अभी शादी नहीं करना है। आगे की पढ़ाई के लिए जा रही हूं। हम चारों साथ में हैं।
जांच के दौरान पुलिस को लापता छात्राओं की लोकेशन मुंबई के दादर स्टेशन पर मिली। इसके बाद मुंबई जीआरपी को मामले की जानकारी दी गई। मुंबई जीआरपी ने छात्राओं को अपने साथ ले लिया। बुधवार को दमोह की कोतवाली पुलिस उन्हें लाने के लिए परिजन के साथ मुंबई रवाना हुई थी, जो गुरुवार शाम को लौटी।
पूछताछ के बाद परिजन को सौंपा
दरअसल, पुलिस जानना चाह रही थी कि वे मुंबई कैसे पहुंचीं? क्या उन्हें किसी ने मुंबई आने के लिए कहा था क्योंकि परिजन का कहना है कि छात्राओं को किसी महिला ने फोन पर नौकरी दिलाने की बात कही थी। इसके बाद ही वे घर से निकली थीं।
पिंकी बोली- शादी की बात से डर गए थे
थाने में पूछताछ के बाद पिंकी अहिरवार ने मीडिया से कहा, ‘हम तीनों के घर पर आए दिन शादी की बात हो रही थी। हम इस बात से डर गए थे। हम आगे पढ़ना चाहते हैं। उस दिन घर से कॉलेज में बुक जमा करने की बात कहकर निकले। सोचा कि कहीं दूर चले जाएंगे तो शादी से बच जाएंगे। हम यहां से मुंबई गए। वहां का माहौल अच्छा नहीं लगा इसलिए पापा को कॉल किया। इसके बाद पापा पुलिस के साथ हमें लेने आ गए।
किसी महिला द्वारा नौकरी के लिए बुलाने की बात पर पिंकी ने कहा, ‘कई कंपनियों से ऐसे कॉल आते रहते हैं। हमने घर पर इस बारे में बात की थी। पापा को लगा कि लड़कियां इसी कारण घर से गई हैं।’
पिता ने कहा- हमने ज्यादा नहीं पूछा
किरण के पिता धनीराम ने कहा- बेटी ने मुझे कॉल किया था कि हम मुंबई रेलवे स्टेशन पर है। यहां अच्छा नहीं लग रहा है, आप लेने आ जाओ। उसने कहा था कि वे सभी बस से दमोह से जबलपुर गई थीं। यहां से भोपाल जाने के लिए ट्रेन में सवार होना चाहती थीं लेकिन गलती से मुंबई जाने वाली ट्रेन में बैठ गई थीं।
वहीं, सुनीता और पिंकी के पिता लट्टू अहिरवार ने कहा, ‘मंगलवार सुबह साढ़े 7 बजे कॉल आया कि पापा हम काफी दूर आ गए हैं। दोपहर 2 बजे फिर फोन आया कि पापा हम मुंबई पहुंच गए हैं। हमने कहा- ठीक है। तुम लोग अब वापस घर लौटकर आ जाओ। उन्होंने कहा- हमारे साथ कोई नहीं है। यहां बहुत ही खराब लग रहा है। वे नौकरी के साथ पढ़ाई करना चाहती थीं, यह बात सही है। हमने उनसे अभी ज्यादा कुछ नहीं पूछा है।’
लट्टू अहिरवार ने आगे कहा, ‘दोनों बेटियों की शादी की बात चल रही है। बड़ी बेटी पिंकी की शादी करने वाले थे। मंझली सुनीता की बाद में करते। मेरी 5 बेटियां हैं। शादी तो करनी पड़ेगी। अगर पढ़ाई करनी है तो यहीं पर रहकर करो। भागना क्यों?’
पुलिस बोली- लड़कियां मर्जी से गई थीं
कोतवाली टीआई आनंद सिंह ने कहा कि 29 जुलाई को चारों लड़कियां घर से कॉलेज जाने का कहकर निकली थीं। वे यहां से जबलपुर और फिर मुंबई चली गई थीं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि परिवारवाले उनकी शादी करना चाह रहे थे। इसी कारण वे घर से अपनी मर्जी से चली गई थीं। वे किसी महिला के संपर्क में थीं, लड़कियों ने पूछताछ में ऐसी कोई जानकारी नहीं दी है।