Thursday, September 19, 2024
Patna

“बेटा-बहू ने घर से निकाला बाहर…अब देना होगा 4 हजार, SDO ने दिया आदेश

मुजफ्फरपुर में बेटे की करतूत सामने आई है। बेटे और बहू ने पहले अपने बुजुर्ग मां-बाप से सारी संपत्ति लिखवा ली। फिर उसके बाद उन्हें मार पीट कर घर से निकाल दिया। मामला मुजफ्फरपुर के मुसहरी थाना क्षेत्र के बड़ी कोठिया की है। जहां बेटे संतोष साह ने अपने 80 साल के पिता सत्यनारायण साह और 70 साल की मां राजकुमारी देवी को संपत्ति लेने के बाद घर से निकाल दिया है।

घर से निकाले जाने के बाद बुजुर्ग मां-बाप ने पहले गांव में पंचायती करवाई। लेकिन बेटे ने पंच की बात को नहीं माना। फिर मां बाप ने 16 दिसंबर 2021 को एसडीओ के विशेष भरण पोषण न्यायालय में केस किया। काफी समझाने के बाद जब बेटे ने मां बाप को रखने से इनकार कर दिया तो एसडीओ साहब ने बेटे को 4 हजार प्रति माह देने का आदेश दिया। साथ ही 50 हजार का बॉन्ड बनाना था कि बेटा और बहू अपने मां बाप के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं करेंगे। लेकिन बेटे और बहू ने इस आदेश को नहीं माना और कोर्ट में 4 जुलाई 2022 को रिवीजन के लिए चले गए।रिवीजन में भी एसडीओ साहब द्वारा दिए गए आदेश को बरकरार रखा गया है। कहा गया है कि वृद्ध पिता-माता का भरण पोषण और उनका देखभाल करना और उनके साथ सद्व्यवहार करना बेटे का कर्तव्य है। दोनों विपक्षी को आदेश दिया जाता है की प्रति माह 4 हजार रुपया देकर पावती रसीद न्यायालय में जमा करें।

70 साल की पीड़ित मां राजकुमारी देवी ने बताया कि मेरा बड़ा बेटा मुझसे सारा संपत्ति ले लिया। उसके बाद पहले मुझे घर से निकाला और फिर अपने पिता को भी मारकर घर से निकाल दिया। खाना पीना सब बंद कर दिया। मेरी बहू बहुत बदमाश है। जब पंचायती हुई तो अपनी गलती मान लिया लेकिन फिर कुछ दिन बाद देखभाल करना बंद कर दिया।पीपी संगीता शाही ने बताया कि बुजुर्ग दंपती ने एसडीओ के विशेष न्यायालय में भरण पोषण अधिनियम के तहत 16 दिसंबर 2021 को केस किया था। ये लोग बड़ी कोठिया मुसहरी के रहने वाले हैं। इनका आरोप है कि इनके बेटे और बहू ने सारी संपत्ति इनकी ले ली है। लेकिन इनका भरण पोषण नहीं कर रहे हैं।

एसडीओ साहब ने काफी सुनवाई और नोटिस देने के बाद दोनों पक्षों को काफी समझाया। लेकिन बेटे और बहू ने इनको रखने और भरण पोषण देने से इनकार कर दिया। फिर 28 मार्च 2022 को एसडीओ साहब ने इनके बेटे को चार हजार रुपए प्रति माह देने का आदेश दिया। लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी बुजुर्ग दंपती को पैसा नहीं मिला।इसके उलट इनका बेटा और बहू कोर्ट में रिवीजन में चले गए। उस रिवीजन में भी यही आदेश आया कि पूर्व में दिया गया आदेश बरकरार रहेगा। बेटे ने मां-बाप की संपत्ति ली है तो उनकी देखभाल करनी होगी। भरण पोषण भी करना होगा।

Kunal Gupta
error: Content is protected !!