Friday, September 20, 2024
Samastipur

“समस्तीपुर:एमडीएम में अंडे की जगह दी बिस्किट:कुव्यवस्था के खिलाफ स्कूल में की तालाबंदी

समस्तीपुर जिले के शिवाजीनगर प्रखंड के अपग्रेड मिडल स्कूल मथुरापुर की कुव्यवस्था से परेशान स्थानीय ग्रामीण शनिवार को आक्रोशित हो गए। लोगों ने स्कूल में तालाबंदी कर धरना शुरू कर दिया। जिस कारण स्कूल का पठन-पाठन ठप रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल में शैक्षणिक व्यवस्था ठीक नहीं है। बच्चों को सही से पढ़ाया तक नहीं जाता। शुक्रवार के बच्चों को एमडीएम में अंडा दिए जाने का प्रावधान है जबकि बच्चों के बीच बिस्किट का वितरण कर दिया गया।

गर्मी में बच्चे क्लास रूम में बिना पंखे के परेशान हैं। इन मुद्दों को लेकर लगातार वरीय पुलिस अधिकारी से कई बार शिकायत की गई लेकिन समाधान का प्रयास नहीं किया गया। जिससे आजीज होकर लोगों ने शनिवार से स्कूल में तालाबंदी कर दी। लोगों का कहना है कि जब तक स्कूल की व्यवस्था को बेहतर नहीं किया जाएगा। तालाबंदी आंदोलन जारी रहेगा।

बच्चों ने परिजनों को दी जानकारी

ग्रामीण और सामाजिक कार्यकर्ता संजय कुमार ने बताया कि इस स्कूल में किसी भी क्लास रूम में पंखा की व्यवस्था नहीं है। सिर्फ विद्यालय के कार्यालय में ही पंखा चलता है। साफ-सफाई की व्यवस्था भी भगवान भरोसे है। स्कूल परिसर में चारों ओर गंदगी है। एमडीएम की व्यवस्था भी सही नहीं है। बच्चों को मानक के अनुरूप एमडीएम का वितरण नहीं किया जाता। शुक्रवार को स्कूल प्रशासन ने हद कर दी, बच्चों को भोजन के साथ अंडा दिए जाने का प्रावधान है लेकिन बच्चों के बीच बिस्किट का वितरण कर दिया गया। जब बच्चे छुट्टी के बाद वापस घर लौटे और मामले की जानकारी अभिभावकों को दी तो अभिभावक काफी नाराज हुए।

ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल की कुव्यवस्था को लेकर कई बार जिला शिक्षा पदाधिकारी से लिखित शिकायत की गई है। लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

इलाके में अंडा उपलब्ध नहीं हो पाया था

स्कूल के एच एम संजीत कुमार ने बताया कि सुबह वे स्कूल पहुंचे थे तो स्कूल के अध्यक्ष और सचिव ने तालाबंदी कर दिया था। जिस कारण मैं लौटकर बीआरसी चला आया। स्कूल में पंखा नहीं है जिसके लिए ठेकेदार को बोला गया है। ठेकेदार ने आश्वासन दिया है कि एक-दो दिनों के अंदर स्कूल में पंख लगा दिया जाएगा। उन्होंने अंडा की जगह बिस्किट बांटे जाने के सवाल पर कहा कि इलाके में अंडा उपलब्ध नहीं हो पाया था। जिस कारण अंडे की कीमत पर ही बिस्किट का वितरण स्कूल के बच्चों के बीच किया गया था। इसमें कहीं कोई अनियमित नहीं है।

Kunal Gupta
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