“रूसी सैनिकों के लिए बिहार की महिलाएं जूते बना रही, हाजीपुर में बने जूते पहन रहे रूसी सेना
बिहार :वैशाली जिले के हाजीपुर में दुनिया के सबसे खतरनाक और ताकतवर कहे जाने वाले रूसी सैनिकों के लिए बिहार की महिलाएं जूते बना रही हैं। इन महिलाओं द्वारा बनाए जूते पहनकर रूसी सैनिक यूक्रेन में युद्ध ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र में कंपीटेंट एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी है जो पिछले 6 साल से लेदर के ऐसे जूते बना रही है जिसकी सप्लाई रशियन आर्मी को किया जाता है। कंपनी से अब-तक लाखों जोड़ी जूते निर्यात किए जा चुके हैं।
फैक्ट्री के प्रबंधक शिव कुमार रॉय के मुताबिक यहां बने जूते रूस की सेना के लिए बेहद कारगर है। रूस में तापमान माइनस 40 डिग्री तक होती है, और वहां यह जूता अपना काम बखूबी करता है। जूते के तलवे और सोल में अलग डिजाइन बनाया गया है। जूते हल्के और नॉन स्लीपरी होता है। जो कड़ी ठंडक के बीच भी अपना काम करता है। ्र
2018 से रुसी आर्मी के लिए वैशाली में जूता तैयार हो रहा
हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र में कंपीटेंट एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी खास किस्म के जूते बनाती है। कंपनी से बने जूते माइनस 40 डिग्री तापमान में भी रूस के सैनिक इस जूते को पहन कर अपने सरहद की सुरक्षा करते हैं। वर्ष 2018 से कंपनी इस फैक्ट्री में जूता तैयार कर रही है। इस फैक्ट्री के अंदर वैशाली, पटना समेत राज्य के विभिन्न जिले के लगभग 300 के करीब महिला पुरुष वर्कर काम करते हैं। इनमें 70 फीसदी सिर्फ महिला वर्कर है जो रूसी सैनिकों को पहनने वाले जूते बनाती है।
100 करोड़ रुपए का जूता एक साल में हुआ निर्यात
फैक्ट्री के प्रबंधक शिव कुमार रॉय के मुताबिक कंपनी रूसी सेना की जरूरतों के हिसाब से ऐस जूते बनाती है, जो हल्के और फिसलन-रोधी होते हैं। कंपनी के एमडी दानिश प्रसाद की महत्वाकांक्षा बिहार में एक विश्वस्तरीय कारखाना बनाना है। कंपनी ने पिछले साल 100 करोड़ के 15 लाख जोड़ी जूते निर्यात किए हैं। कंपनी की माने तो अगले साल इसे 50% बढ़ाने का लक्ष्य है। हाजीपुर की यह कंपनी रूस के अलावा इटली, फ्रांस, स्पेन और ब्रिटेन के बाजारों में लक्जरी, डिजाइनर और फैशन शू भी निर्यात करती है।