“लड़कियों के लिए बनी मिशाल,शादी की रस्में पूरी की और सुबह दुल्हन बने ही परीक्षा हॉल में पहुंच गई
गया जिले के गुरारू की एक नई नवेली दुल्हन शादी के मंडप से उठकर सीधे परीक्षा देने पहुंच गई। उसने रात भर जगकर रीति – रिवाज के साथ पहले शादी की रस्में पूरी की और सुबह दुल्हन बने ही परीक्षा हॉल में पहुंच गई। ताकि उसकी पढ़ाई जारी रह सके। इस काम में दूल्हा ने भी उसका साथ दिया। दुल्हन ने कहा वह अपनी पढ़ाई आगे भी जारी रखना चाहती है। लड़कियों को शिक्षित होना बहुत जरूरी है। शनिवार की सुबह गया के कामता प्रसाद कॉलेज में उसकी बीए फाइनल की परीक्षा थी।
अहले सुबह उसने फेरे लिए और तुरंत उसके बाद परीक्षा हॉल पहुंच गई। इस दौरान दुल्हा और उनके पिता दुल्हन को साथ ले गए और जब तक परीक्षा खत्म नहीं हुई दोनों परीक्षा हॉल के बाहर इंतजार करते रहे। जब दुल्हन परीक्षा दे कर बाहर निकली तब उसकी विदाई की रस्में पूरी की गईं। लोगों ने दूल्हे और उसके पूरे परिवार की सराहना की। यह महज एक खबर नहीं, बल्कि लोगों के लिए एक मिसाल है। इससे सभी को सीख लेनी चाहिए कि हमें महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर परिस्थिति में उनका साथ देना चाहिए। जिम्मेदारी आपकी भी है
परीक्षा दिलाने खुद दूल्हा केंद्र तक साथ आया गुरारू बारा के रहने वाले योगेशचंद्र मिश्र की बेटी संध्या कुमारी बीए फाइनल ईयर की छात्रा है। उसकी शादी शुक्रवार 12 जुलाई को तय थी। 13 जुलाई को एग्जाम था। देर रात उसकी बारात झारखंड के हरिहरगंज क्षेत्र के जीतपुर गांव से आई थी। रात से शनिवार सुबह तक वरमाला समेत शादी की अन्य रस्में पूरी की गईं। शनिवार की सुबह संध्या की विदाई होनी थी। लेकिन विदाई से पहले उसने परीक्षा दी। संध्या को परीक्षा दिलाने के लिए दुल्हा खुद परीक्षा भवन तक साथ आया और परीक्षा खत्म होने तक इंतजार किया।