“इस बार देवघर के कांवरिया पथ पर 41वें वर्ष दिखेंगी कृष्णा बम,करेंगी जलाभिषेक
पिछले वर्ष नहीं जा पाने के कारण सालभर बेचैन रही, 40 वर्ष से लगातार सावन के हर सोमवार बाबा वैद्यनाथ का करती रही हैं जलाभिषेक सुल्तानगंज-देवघर कांवरिया पथ पर 41वें वर्ष डाक बम के रूप में दौड़ने की तैयारी। बाबा वैद्यनाथ को जलाभिषेक करने के लिए आतुर। यानी, इस कांवरिया पथ पर इस सावन फिर झूमती-गाती-दौड़ती दिखेंगी कृष्णा बम। हर साल पांव पैदल 14-15 घंटे में देवघर पहुंचने वालीं कृष्णा बम इस सावन पहली सोमवारी को ही बाबा का जलाभिषेक करेंगी। इस कांवरिया पथ पर वो कृष्णा माता बम के रूप में प्रसिद्ध हैं। सुल्तानगंज से देवघर तक के पंडा-पंडितों समेत कांवरिया व प्रशासनिक महकमे को भी इनका इंतजार रहता है।
पुलिस-प्रशासन की ओर से पूरी सुरक्षा प्रदान की जाती है। पिछले वर्ष अस्वस्थ रहने के कारण जब वो बाबा का जलाभिषेक नहीं कर पाई थीं तो इसका मलाल सिर्फ इन्हें ही नहीं, उन लोगों को भी रहा जो इनके आने का इंतजार कर रहे थे। अभी वो पुणे में हैं। सावन की पहली सोमवारी यानी गुरु पूर्णिमा पर बाबा वैद्यनाथ का जलाभिषेक करने के लिए 21 जुलाई रविवार को सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर बाबा नगरी रवाना होंगी।
तीसरी सोमवारी पर उज्जैन में करेंगी जलाभिषेक
72 वर्षीया कृष्णा बम कहती हैं कि वह इस बार सावन की पहली सोमवारी को डाक बम के रूप में पहुंचकर बाबा वैद्यनाथ का जलाभिषेक करेंगी। तो, तीसरी सोमवारी को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में जल अर्पित करेंगी। कहती हैं- मध्यप्रदेश के नर्मदा नदी से जलबोझी कर पैदल 140 किलोमीटर की दूरी तय कर महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेंगी। बता दें िक कृष्णा बम 1976 से 1985 तक सावन के हर सोमवार पहलेजा से पैदल गंगाजल लाकर मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीबनाथ मंदिर में जलाभिषेक करती रहीं। 1982 से हर साल डाक बम के रूप में देवघर जाने लगीं।
1976 से हर सावन बाबा गरीबनाथ का कर रहीं जलाभिषेक
कृष्णा बम ने शिवभक्ति यात्रा 1976 में बाबा गरीबनाथ को जलाभिषेक करने के साथ शुरू की थी। कहती हैं 1982 में स्वप्न में इन्हें बाबा वैद्यनाथ का दर्शन हुआ। तबसे लगातार 2022 तक सावन के प्रत्येक सोमवार सुल्तानगंज से पैदल डाकबम के रूप में जाकर बाबा वैद्यनाथ को जलाभिषेक करती रहीं। लगातार 40 वर्षों तक सावन के हर सोमवार को देवघर जाने के कारण इन्होंने कृष्णा माता बम के रूप में प्रसिद्धि पाई। इनके साथ कदमताल करना दूसरे कांवरिए अपना सौभाग्य मानते हैं। इनके निकलते हुजूम साथ हो जाता है। 2023 में अस्वस्थ होने के कारण नहीं जा सकीं, पर इसके कारण सालभर बेचैन रही। इसलिए इस बार पहली सोमवारी को ही बाबा वैद्यनाथ को जल अर्पित करेंगी