Saturday, October 5, 2024
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Nal-Jal Yojna:भविष्य में सौर ऊर्जा से संचालित होंगी नल-जल योजना, पानी की सप्‍लाई नहीं होगी बाधि‍त

Nal-Jal Yojna:पटना। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) की निविदा प्रक्रिया में संशोधन के बाद अब पानी टंकी के ऊपर सोलर प्लेट लगाने का निर्णय लिया गया है। इससे बिजली नहीं रहने या ट्रांसफार्मेशन की गड़बड़ी होने पर जलापूर्ति में बाधा नहीं होगी।

विभागीय मंत्री नीरज कुमार सिंह ने शुक्रवार को प्रेस-वार्ता में बताया कि पहले चरण में 10-15 योजनाओं में पानी टंकी पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसका क्रियान्वयन होना है। उसके बाद इस पर आगे बढ़ा जाएगा।धीरे-धीरे कर नल-जल परियोजना के सारे काम सौर ऊर्जा से संचालित होने लगेंगे। उसके बाद पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था आटोमेटिक हो जाएगी। टाइमर के उपयोग से सुबह-दोपहर-शाम की निर्धारित अवधि में घरों तक स्वत: नल से जल पहुंच जाएगा।

स्काई ब्लू व सफेद रंग के होंगे वाटर पोस्ट
आने वाले दिनों में स्काई ब्लू और सफेद रंग की पट्टी से सभी वाटर पोस्ट रंग दिए जाएंगे, ताकि दूर से ही जलापूर्ति योजनाओं की पहचान हो सके। उस पर योजना का नाम आदि को अंकित कर दिया जाएगा।गांवों में लगे सारे पंप में इंटरनेट बेस्ड चिप लगाए जाएंगे। इससे पता चलेगा कि कौन-सा पंच चालू है और कौन-सा नहीं। मुख्यालय से मानीटरिंग सहज होगी। 2021 में भी चर्चा हुई थी, लेकिन व्यवस्था लागू नहीं हुई।

पुशअप नल रोकेंगे पेयजल की बर्बादी
मंत्री ने कहा कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए सभी योजनाओं में पुशअप नल लगाए जाएंगे। वे दबाने से खुलेंगे और छोड़ देने से बंद हो जाएगा। इससे पानी की कम से कम बर्बादी होगी।वस्तुत: विभागीय समीक्षा में पाया गया है कि नल टूट जाने या नल खुला रहने के कारण पानी की बर्बादी हो रही है। उसके बाद इसका निर्णय लिया गया है।

1500 नए चापाकल गाड़े गए
मंत्री ने बताया कि 4290 नए चापाकल लगाने का लक्ष्य है। अभी तक 1478 चापाकल गाड़ दिए गए हैं। पहले से गाड़े गए 79748 चापाकलों की मरम्मत की गई है। विभाग के पास 497 वाटर टैंकर हैं। पेयजल की किल्लत वाले नौ जिलों में 83 टैंकर से जलापूर्ति हो रही। इसके अतिरिक्त 15 वाटर एटीएम भी जलापूर्ति के लिए उपलब्ध हैं।

शिकायत करें, समाधान पाएं
पीएचईडी की ओर से टाल फ्री हेल्प-लाइन नंबर (18001231121) भी उपलब्ध कराया गया है, जिस पर छह से आठ बजे तक शिकायत-सलाह दी जा सकती है।पहले यह नौ से पांच बजे तक ही चालू रहता था। जिलों में पेयजल की समस्याओं के निराकरण हेतु नियंत्रण कक्ष सक्रिय हैं। इसके अलावा वाट्सएप नंबर (8544429024) पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

Kunal Gupta
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