“रिलायंस ज्वेल्स शो रूम लूटकांड,पुलिस करेगी गेट एनालिसिस टेस्ट: चोरों के चाल से खुलेगा राज
समस्तीपुर.रिलायंस ज्वेल्स शो रूम से 8 करोड़ के जेवरात लूट मामले में अपराधियों को पकड़ने के लिए जिला पुलिस की टीम गेट एनालिसिस (चाल विश्लेषण) का उपयोग करेगी। इससे नकाब लगाकर लूट में शामिल हुए बदमाशों को भी पकड़ा जा सकेगा। इस विधि का इस्तेमाल समस्तीपुर पुलिस पहले भी जिले में हुए सीरीज ग्रामीण बैंक लूट कांड में प्रयोग कर चुकी है। इस मामले में भी अपराधियों को पकड़ने के लिए गेट एनालिसिस विधि का प्रयोग होगा। एसपी विनय तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस विधि से नाकाब में आने वाले बदमाशों की भी पहचान हो सकेगी। अब कोई बदमाश नकाब का फायदा उठाकर बच नहीं पाएंगे।
सीरीज ग्रामीण बैंक लूट कांड में हो चुका है गेट एनालिसिस
समस्तीपुर में पहले भी एक मामले के अनुसंधान में गेट एनालिसिस टेस्ट का प्रयोग किया है। तीनों बैंक लूट कांड मामले में समस्तीपुर पुलिस चार अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। बैंक लूट के दौरान बदमाशों ने घटना के दौरान नकाब का प्रयोग किया था। पुलिस ने अपने अनुसंधान के दौरान लगभग दो सौ सीसीटीवी (CCTV) व 600 मोबाइल नंबर डंप विधि से खंगालने के बाद चार अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। गिरफ्तार अपराधी ही बैंक लूट के दौरान बैंक में मौजूद थे इसकी पहचान जानने के लिए समस्तीपुर पुलिस ने पहली बार गांधीनगर एफएसएल के सहयोग से गेट एनालिसिस टेस्ट का सहारा लिया था।
जानकारी देते एसपी विनय तिवारी
इसमें पुलिस की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद फाइल रिपोर्ट कोर्ट को सौंपा गई। समस्तीपुर एसपी विनय तिवारी ने बताया कि यह पहली बार था जब बिहार में गेट एनालिसिस को एक फोरेंसिक टूल के तौर पर इस्तेमाल किया गया। अब रिलायंस ज्वेल्स में हुए सबसे बड़े सोना लूट कांड मामले में भी गेट एनालिसिस (चाल विश्लेषण) के माध्यम से जांच कर गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान की जाएगी।
सीसीटीवी फुटेज में चाल रिकार्ड
समस्तीपुर पुलिस ने बैंक लूट में शामिल अपराधियों के सीसीटीवी फुटेज में उनकी चाल को रिकॉर्ड किया, इसके बाद उतनी ही दूरी और उसी लाइट कंडीशन में फिर से उसके चलने के स्टाइल को रिकॉर्ड किया। दोनों का गेट एनालिसिस कर इस नतीजे पर पहुंचा गया कि सीसीटीवी में दिख रहा शख्स ही है जिसे समस्तीपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अब समस्तीपुर पुलिस दोनों ही वीडियो को कोर्ट में पेश करेगी।
गेट एनालिसिस जांच समझिए
पुलिस सूत्रों ने बताया कि गेट एनालिसिस और कुछ नहीं बल्कि किसी व्यक्ति के चाल को परिभाषित करने को कहा जाता है। यानी आप किस एंगल से चलते हुए कैसे नजर आ रहे हैं, इसी का एनालिसिस किया जाता है। ये कोई क्राइम इन्वेस्टिगेशन का तरीका नहीं, बल्कि मेडिकल ट्रिटमैंट का एक हिस्सा है। इसका इस्तेमाल चलने और इस दौरान आपके पोस्चर को ठीक करने के लिए किया जाता है। डॉक्टर इससे ये भी पता लगाते हैं कि व्यक्ति को लगी चोट या दर्द का क्या सोर्स है