गुरू गंभीर का ज्ञान, सुनील नरेन का तूफान..ऐसे KKR बनी चैंपियन, आसान नहीं थी राह
नई दिल्ली। कोलकाता नाइट राइडर्स ने 10 सालों से चले आ रहे अपने खिताबी सूखे को 26 मई को खत्म कर ही दिया। इस टीम ने चेन्नई में सनराइजर्स हैदराबाद को मात देकर खिताब अपने नाम किया। ये तीसरी बार है जब कोलकाता की टीम खिताब जीती है। इससे पहले ये टीम 2012 और 2014 में खिताब जीती थी। कोलकाता ने कैसे इस बार खिताब जीता और फाइनल में सनराइजर्स हैदराबाद को हराया, इसके कारण हम आपको बताएंगे।
कोलकाता के जीत के कारणों पर जाएं उससे पहले आपको मैच के बारे में बता देते हैं। चेन्नई में खेले गए फाइनल मैच में हैदराबाद के कप्तान पैट कमिंस ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। उनका ये फैसला सही साबित नहीं हुआ क्योंकि टीम के तूफानी बल्लेबाज जल्दी आउट हो गए और टीम 113 रनों पर ही ढेर हो गई। कोलकाता ने बड़ी आसानी से दो विकेट खोकर मैच अपने नाम कर लिया।
गौतम गंभीर ने बदली किस्मत
कोलकाता ने जब 2012 और 2014 में खिताब जीता था तब गौतम गंभीर इस टीम के कप्तान थे। इस बार वह टीम के मेंटर बने और टीम को खिताब दिला दिया। गंभीर का मैन मैनेजमेंट काफी शानदार है। यही कारण है वह जिस भी टीम के साथ रहे उसे अधिकतर मौकों पर सफलता दिलाई। टीम जब हार भी रही थी तब भी गंभीर ने खिलाड़ियों को आत्मविश्वास कम नहीं होने दिया। यही कारण है कि टीम हर मैच में आत्मविश्वास से लबरेज नजर आई।
मिचेल स्टार्क का पैसा वसूल परफॉर्मेंस
कोलकाता ने जब नीलामी में ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क को 24.75 करोड़ दिए तो कई लोग हैरान रह गए थे। स्टार्क ने आईपीएल की शुरुआत भी अच्छी नहीं की थी। कहा जाने लगा था कि स्टार्क पर टीम ने जो पैसा बरसाया वो फिजूल गया। लेकिन स्टार्क ने बड़े मैचों में दमदार खेल दिखाया कि ये सोच गलत थी। उन्होंने पहले क्वालिफायर में हैदराबाद के खिलाफ ही तीन बड़े विकेट लिए थे। इसके बाद फाइनल मैच में भी उन्होंने हैदराबाद को कमजोर कर दिया। इन दोनों मैचों के दम पर स्टार्क ने साबित कर दिया कि गंभीर ने पैसा बरसा कर उन पर जो भरोसा जताया था वह उसके लायक हैं।
सुनील नरेन का तूफान
वेस्टइंडीज के मिस्ट्री स्पिनर सुनील नरेन दुनिया के बेहतरीन टी20 स्पिनर हैं। लेकिन इस सीजन एक बार फिर सभी ने सुनील नरेन के बल्ले की ताकत देखी। नरेन ने ओपनिंग का जिम्मा लिया और जमकर रन बनाए। इस सीजन तो उन्होंने शतक तक मार दिया। कोलकाता की जीत में नरेन की गेंदबाजी से ज्यादा उनके बल्ले का योगदान रहा।
दमदार स्पिनर
गंभीर जब कोलकाता में थे तब भी इस टीम की ताकत स्पिनर थे। तब इस टीम के पास पीयूष चावला, नरेन और कुलदीप यादव हुआ करते थे। अब इस टीम के पास नरेन, वरुण चक्रवर्ती और सुयश शर्मा जैसे स्पिनर हैं। टीम की सफलता में स्पिनरों का योगदान भी शानदार रहा।
श्रेयस अय्यर की कप्तानी
अय्यर अच्छे कप्तान हैं ये बात वह पहले साबित कर चुके हैं। उनकी कप्तानी में ही दिल्ली कैपिटल्स ने साल 2020 में पहली बार फाइनल खेला था। अपनी कप्तानी में वह लगातार दिल्ली को प्लेऑफ में ले जा रहे थे। अय्यर ने वही शानदार कप्तानी यहां दिखाई और कोलकाता को जीत दिलाई।