पिता करते हैं खेती-बाड़ी, बेटी पूरे प्रदेश में बनीं थर्ड टॉपर;कहा पढ़ाई से भटकाता है सोशल एप
धनबाद।JAC 10th Result: सफलता इंसान की आर्थिक स्थिति नहीं देखती, बस सामने वाले में इसे पाने की भूख होनी चाहिए। फिर यह मायने नहीं रखता कि वो किस परिवेश में पला-बढ़ा है। अच्छा खाने मिला या नहीं, ढंग के कपड़े पहनने को है या नहीं, ऐसे लोगों को सिर्फ अपनी मंजिल दिखती है। अपने नाम के अनुरूप करिश्मा ने कुछ ऐसा ही करिश्मा करके दिखाया है।
बेटी ने किसान पिता का बढ़ाया मान
धनबाद के जयरामपुर झरिया की रहने वाली करिश्मा ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC Jharkhand Board) की दसवीं की परीक्षा में 492 अंक यानी 98.40 प्रतिशत अंक प्राप्त कर राज्य में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय हजारीबाग से दसवीं की परीक्षा दी है और अभी कोटा में इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि करिश्मा के पिता रवींद्र यादव एक किसान हैं और खेतीबाड़ी से ही परिवार का भरणपोषण करते हैं। खेती-किसानी करने के बावजूद रवींद्र यादव ने बिटिया के सपनों को पंख दिया। बिहार शरीफ से इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय में प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराई और आज परिणाम सबके सामने हैं।संयुक्त परिवार है इसलिए आर्थिक समस्या बहुत नहीं हुई। करिश्मा को अपने पिता के किसान होने पर गर्व है। करिश्मा ने बताया कि जो भी उनसे पूछता है कि पिता क्या काम करते हैं तो गर्व से बताती हैं कि एक किसान हैं और देश के लिए अन्न उगाते हैं। मां सरोज देवी गृहिणी हैं। बड़ा भाई नीट की तैयाारी कर रहा है।
गणित बचपन से पसंद
करिश्मा ने बताया कि उनकी परिवार में कोई इंजीनियर नहीं है। बचपन से ही गणित पसंद रहा है। इसीलिए इसी में आगे करियर बनाने का सपना है। इसमें भी एयरोनाटिकल इंजीनियर बनना है, कुछ ऐसा करना है जिसे पूरा देश हमेशा याद रखे।करिश्मा ने कहा कि उन्होंने कभी पढ़ाई को कभी घंटों में नहीं बांधा। जब मन किया पढ़ लिया। अधिकतर पढ़ाई रात में ही होती थी। रात के शांत माहाैल में पढ़ना हमेशा से ही पसंद रहा है। पढ़ाई के अलावा डांस और ड्राॅइंग करना पसंद है। बहुत अच्छी पेंटिंग बना लेती हूं। अपनी सफलता का श्रेय स्कूल शिक्षकों एवं स्वजन को दिया।
पढ़ाई से भटकाता है सोशल एप
करिश्मा ने बताया कि कोटा में पढ़ रही हैं इसलिए मोबाइल रखना जरूरी हो गया। वाट्सएप छोड़ किसी भी सोशल एप पर अकाउंट नहीं है। वाट्सएप भी परिवार से जुड़े रहने और कोचिंग के स्टडी मैटेरियल्स के लिए रखा है।करिश्मा का मानना है कि सोशल एप पढ़ाई से भटकाता है। आज हम जिस उम्र में हैं यानी टीनएज में इसकी लत बुरी तरह से लग जाती है। घंटों रील्स बनाना, चैट करना, ऑनलाइन एक्टिव रहना, यह सब पढ़ाई में रूकावट पैदा करता है।