कब पूरा होगा आरा-छपरा हाईवे का पुनर्निर्माण? जाम की समस्या से आम जनता परेशान
पटना।कोईलवर। कोईलवर के जाम की हालत कौन नहीं जानता। छह लेन का नया पुल कोईलवर नदी पर बनने के बाद भी यहां जाम से छुटकारा नहीं मिला है। इसकी वजह आरा-छपरा रोड है, जो कोईलवर पुल के पास बक्सर-आरा फोरलेन से जुड़ता है।
बालू वाले ट्रकों की भरमार के कारण इस रोड पर ट्रैफिक काफी ज्यादा है और सड़क के एक साइड में पुनर्निर्माण का काम चल रहा है। इसकी वजह से रोज भीषण जाम लग रहा है।आरा-छपरा हाईवे पर कोईलवर से गंगा ब्रिज, डोरीगंज (सारण) तक लगभग 21 किलोमीटर का पुननिर्माण कार्य डेढ़ साल में पूरा करना था, लेकिन लगभग नौ महीने में पश्चमी लेन पर जमालपुर बाजार से कोल्हारामपुर तक 3.5 किलोमीटर ही कार्य हुआ है। बाकी बचे छह माह में निर्माण कंपनी के लिए कार्य पूरा करना एक चुनौती से कम नहीं होगी।
‘मजदूरों के आते ही शुरू हो जाएगा काम’
निर्माण कंपनी के आदित्य कुमार पांडेय ने बताया कि होली को लेकर मजदूर छुट्टी पर गए हैं। शनिवार तक सभी मजदूर वापस आयेंगे, जिसके बाद कार्य तेजी से शुरू होगा। आरा-छपरा हाईवे पर पश्चिमी लेन में झलकुनगर से मनभावन मोड़ तक लगभग डेढ़ किलोमीटर रोड कटिंग करना बाकी है।आगे झलकुनगर से लेकर वीरकुंवर सिंह सेतु, डोरीगंज, सारण तक रोड कटिंग का कार्य हो गया है। लगभग डेढ़ फीट डीप रोड कटिंग करके उससे निकले अवशेष को कोईलवर प्लांट में लाकर रखा गया है। जमालपुर से कोल्हारामपुर तक पीक्यूसी से पुर्ननिर्माण कराया गया है।
उनका कहना है कि पश्चिमी लेन का कार्य नियत समय के अंदर कर लिया जाएगा। जिसके बाद आरा हाइवे का पूरबी लेन पर बिटुमिन से पुर्ननिर्माण कराया जायेगा। आगे बताया कि पश्चमी लेन पर पुर्ननिर्माण के बाद लगभग ढाई मीटर का फ्लैक (फुटपाथ) का निर्माण कार्य कराया जाना है।
ओवरलोड से जर्जर हो गई है सड़क
मालूम हो कि बालू ओवरलोड वाहनों के अंधाधुंध परिचालन के कारण आरा-छपरा हाइवे का पश्चिमी लेन जर्जर हो गया था। जिस हाइवे पर कोईलवर से लेकर डोरीगंज तक बालू ओवरलोड वाहनों के डेड लोड के कारण सड़क धंस गयी है और सैकड़ो जगह लीक बन गया था।वहीं, पूरबी लेन पर भी कई जगह सड़क जर्जर हो गई है। जिसका पुर्ननिर्माण एसएनपी इंफ्रा कंपनी करा रही है। हाइवे के पश्चिमी लेन पर लोड के कारण पीक्यूसी हो रहा है, और पूरबी लेन में बिटुमिन से निर्माण कराया जायेगा।
जिलाधिकारी राजकुमार ने कहा है कि आरा-छपरा हाइवे पर बालू लोड ट्रैक्टर डिवाइडर पार इधर से उधर आते जाते थे, इसलिए डिवाइडर को तीन फीट ऊंचा किया जाएगा, जिससे ट्रैक्टर लेन क्रास नहीं कर सकें। इसको ध्यान में रख कर निर्माण कार्य कराया जा रहा है, लेकिन अभी राहत मिलने में लंबा समय है।