इन कोचिंग संस्थानों पर होगा एक्शन, तैयारी में केके पाठक का विभाग; बस इस बात का इंतजार
पटना।बिहार के सिवान में जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों की विभिन्न गलियों-मोहल्लों में नियमों की अनदेखी कर बिना निबंधन के कोचिंग संस्थान संचालित संचालकों पर कार्रवाई होगी। शिक्षा विभाग द्वारा कार्रवाई को लेकर योजना बनाई गई है।
इस माह के अंत में वैसे कोचिंग सेंटरों को चिह्नित करने का कार्य किया जाएगा। ऐसे संस्थानों पर नकेल कसने में भी अब तक प्रशासन फेल साबित होता रहा है।बता दें कि प्रारंभ में बिहार कोचिंग संस्थान नियंत्रण एवं विनियमन अधिनियम के मुताबिक तीन वर्ष के लिए कोचिंग संस्थानों का निबंधन किया जाता है। निबंधन के लिए कोचिंग संस्थानों केा पांच हजार निबंधन शुल्क देना होता है। वहीं तीन वर्ष की अवधि पूर्ण होने के बाद निबंधन के नवीकरण के लिए तीन हजार शुल्क देना होता है।
तीन सौ से अधिक कोचिंग सेंटर चल रहे
गौरतलब हो कि वर्तमान समय में पूरे जिले में करीब तीन सौ से अधिक कोचिंग सेंटर संचालित किए जाते हैं। ये कोचिंग सेंटर कहीं एक कमरे में संचालित हैं तो कहीं दो कमरे में। कोचिंग के नाम पर छात्रों से प्रति वर्ष मोटी फीस की वसूली भी की जाती है, लेकिन अधिकांश कोचिंग सेंटर में मानक के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।
ऐसे में बिना निबंधन कराए संचालित हो रहे कोचिंग संस्थानों के विरुद्ध बिहार सरकार द्वारा जारी कोचिंग संस्थान अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी। अधिनियम के तहत कोचिंग संस्थानों को अपने यहां अग्निशमन की व्यवस्था, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय, पेयजल, पर्याप्त प्रकाशीय व्यवस्था और समुचित संसाधन व्यवस्था करनी है।
कहते हैं जिम्मेदार
जिन कोचिंग संचालकों ने संस्थान का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उनको चिह्नित कर सूची तैयार की जा रही है। उनके विरुद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इस दौरान जुर्माना भी वसूला जाएगा। – राजेंद्र सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सिवान”