NDA में हो गई…अब महागठबंधन की सीट शेयरिंग पर में,माले को चाहिए 5 सीटें, यहीं फंसा पेंच
पटना।एनडीए में शामिल पार्टियां किन सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी, इसकी घोषणा हो चुकी है। अब महागठबंधन की शीट शेयरिंग पर सभी की नजर है। महागठबंधन की गांठ खोलने में सबसे बड़ी अड़चन भाकपा-माले (माले) बन रही है।माले की डिमांड कम से कम 5 सीटों की है। मिलेगी या नहीं, यह अभी तय नहीं है। लेकिन, माले का दावा अब इसलिए मजबूत हो गया है, क्योंकि NDA ने अपने सहयोगी चिराग पासवान को 5 सीटें दी हैं। हालांकि, चिराग इन 5 सीटों पर पिछली बार भी लड़े और जीते थे।
इधर, महागठबंधन में सीटों का बंटवारा मुख्य रूप से विधायकों की संख्या बल पर होना है। इसकी वजह है कि राजद को लोकसभा में एक भी सीट नहीं थी और लेफ्ट भी नहीं जीती थी। कांग्रेस ने किशनगंज में लाज बचाई थी। अब माले की सीटों को लेकर ही महागठबंधन में जिच कायम है।माले के प्रवक्ता कुमार परवेज कहते हैं, माले की मांग है कि सम्मानजक सीटें दी जाएं। हमें उम्मीद है, सम्मानजनक सीटें महागठबंधन में प्राप्त होगी और माले सभी 40 सीटों पर महागठबंधन को मजबूती देने में ताकत लगाएगा। हमारा संगठन निचले स्तर तक काफी मजबूत है।
पिछली बार लोकसभा चुनाव के बाद ही विधानसभा के चुनाव हुए थे। माले ने विधानसभा में 19 सीटों पर चुनाव लड़े, जिसमें 12 सीटें जीती थीं। वहीं, चिराग की पार्टी लोजपा 138 सीट पर लड़कर एक सीट पर जीती थी। लोजपा से राजकुमार सिंह विधायक बने थे, लेकिन वे भी टूट कर जदयू में चले गए थे।हाल में कांग्रेस से दो विधायक सिद्धार्थ सौरभ और मुरारी गौतम टूट गए और राजद से चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव टूट गए। इस समय भी माले के एक भी विधायक नहीं टूटे। गांधी मैदान में जन विश्वास रैली में सबसे ज्यादा झंडा लाल रंग का ही दिखा था।
अखिलेश सिंह को राज्यसभा भेजने में माले ने मदद की
कांग्रेस जहां दो और मंत्री पद की मांग करती रही, वहीं माले ने खुद को मंत्रिमंडल में शामिल ही नहीं किया था। कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह को राज्य सभा भेजने में माले का बड़ा सहयोग रहा। माले राजा राम सिंह को राज्यसभा भेजना चाहती थी, नामांकन पत्र आदि भी ले लिया गया था, लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे और लालू प्रसाद के आग्रह को स्वीकार करते हुए राज्य सभा सीट का त्याग भी कर दिया। हां, माले की तरफ से पहली बार कोई नेता बिहार विधान परिषद गया।
पाटलिपुत्र की हॉट सीट की भी मांग माले ने रख दी है
जब नीतीश कुमार महागठबंधन में थे, तब माले ने 5 लोकसभा सीटों पर दावा किया था। नीतीश कुमार के अलग हो जाने के बाद माले ने आठ सीटों की मांग रखी। ये आठ सीटें आरा, सीवान, काराकाट, कटिहार, पाटलिपुत्र, जहानाबाद, नालंदा और वाल्मीकि नगर हैं। पाटलिपुत्र सीट पर उम्मीदवार के लिए यादव जाति से पालीगंज विधायक संदीप सौरभ का नाम भी आगे कर दिया।पाटलिपुत्र सीट पर लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती दो बार से लगातार लड़ रही हैं और हार रही हैं। लालू प्रसाद भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं और हार चुके हैं। इस लोकसभा की दो विधानसभा सीटों पर माले के विधायक हैं। पालीगंज से संदीप सौरभ और फुलवारी शरीफ से गोपाल रविदास। इसलिए माले का आग्रह है कि यह सीट हमें दी जाए।