बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर समेत इन जिलों में जमीन खरीदेगी सरकार,2 हजार एकड़ में बनेगी ग्रीनफील्ड टाउनशिप
पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा समेत राज्य के प्रमुख शहरों के आसपास एक से दो हजार एकड़ जमीन चिह्नित कर सेटेलाइट व ग्रीनफील्ड टाउनशिप बसाई जाएगी। इसकी शुरुआत पटना से होगी जहां जमीन लगभग चिह्नित कर ली गई है। सबसे खास बात कि टाउनशिप बसाने के लिए सरकार पूरी जमीन अधिग्रहित नहीं करेगी।टाउनशिप की कुल जमीन का करीब 10 प्रतिशत ही अधिग्रहण किया जाएगा। इस जमीन पर चौड़ी सड़कों का नेटवर्क तैयार किया जाएगा। इसके अलावा पार्क, खुले मैदान, नाला, ड्रेनेज आदि नागरिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। राज्य कैबिनेट ने शुक्रवार को इस प्रस्ताव की स्वीकृति दे दी है।
नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने शुक्रवार को बताया कि टाउनशिप के लिए चिह्नित भू-खंड के चारों ओर बफर जोन को चिह्नित किया जाएगा, जिसमें निर्माण कार्य पर प्रतिबंध रहेगा।टाउनशिप में शहरी गरीबों के लिए बहुमंजिला आवास बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। एक से दो माह में टाउनशिप योजना का फाइनल खाका तैयार कर लिया जाएगा। लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद ग्रीनफील्ड टाउनशिप की योजना पर काम शुरू हो जाएगा।
बढ़ेगा एमवीआर, विकसित जमीन नीलाम करेगी सरकार
प्रधान सचिव ने बताया कि अधिग्रहण के क्रम में भूमि विकास के लिए प्रस्तावित मुख्य सड़कों के किनारे 50 से 100 मीटर तक की दूरी में पड़ने वाले भू-खंडों का भी आवश्यकतानुसार अर्जन किया जाएगा। आधारभूत संरचनाओं के विकास के बाद स्वत: उस क्षेत्र की भूमि के मूल्य में वृद्धि होगी।इसके आलोक में भूमि के न्यूतनत मूल्य पंजी (एमवीआर) की दर में भी वृद्धि की जाएगी। इसके बाद सरकार अर्जित भू-खंडों की नीलामी कर उससे आय प्राप्त करेगी। इसके अलावा एमवीआर में वृद्धि के कारण निबंधन शुल्क में वृद्धि और भवन योजना की लागत पर लगने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट शुल्क से भी सरकार को आमदनी होगी।
मॉडल ऐसा कि सरकार की भी होगी आय
पटना में बिहटा, पुनपुन, दानापुर के आसपास टाउनशिप बसाए जाने की संभावना है। शहरों के आसपास बसाए जाने वाले ग्रीनफील्ड टाउनशिप का मॉडल ऐसा बनाया गया है, जिससे वहां के निवासियों के साथ सरकार को भी फायदा हो।
इसके लिए विभाग ने माडल के रूप में पटना में एक हजार एकड़ में जमीन को विकसित करने का प्रारूप बनाया है। इसमें 98 एकड़ जमीन का अधिग्रहण सरकार करेगी जिस पर लगभग 950 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा 55 करोड़ रुपये सड़क, पार्क, ड्रेनेज आदि सुविधाओं पर खर्च होंगे।इसके बाद सरकार अधिग्रहित जमीन बढ़े हुए दर पर बेचेगी जिससे 1020 करोड़ रुपये की आय होगी। छोटे शहराें के आसपास टाउनशिप बसाए जाने पर भू-अर्जन का खर्च और कम होगा जिससे सरकार को और फायदा होगा।
जमीन चयन के लिए बनाई गई समिति
सेटेलाइट व ग्रीनफील्ड टाउनशिप के लिए जमीन चुनने के लिए चयन समिति का गठन किया गया है। इसमें विकास आयुक्त को अध्यक्ष और नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव को सदस्य सचिव बनाया गया है। इसके अलावा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पथ निर्माण विभाग और उद्योग विभाग के प्रधान सचिव को सदस्य नामित किया गया है।”