BPSC शिक्षक भर्ती का पेपर लीक,10-15 लाख में डील,400 कैंडिडेट्स को एक जगह लाकर सॉल्व करा रहे थे क्वेश्चन
पटना।बिहार में पेपर सॉल्वर गैंग के अब तक के सबसे बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध ईकाई (EOU), बिहार पुलिस और झारखंड पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में 24 घंटे के भीतर सॉल्वर गैंग नेटवर्क के लगभग ढाई सौ कैंडिडेट को हिरासत में लिया गया है। ये सभी कैंडिडेट BPSC की ओर से आयोजित बिहार शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (TRE) -3 के एग्जाम में शामिल होने वाले थे।इन सभी को झारखंड के हजारीबाग के अलग अलग इलाकों से गिरफ्तार कर पटना लाया गया है। इससे पहले लगभग 18 घंटे तक इनसे पूछताछ की गई। एसटीएफ के 50 जवान के एस्कॉट में आधी रात के बाद इन्हें हजारीबाग से पटना लाया गया। फिलहाल ये EOU की हिरासत में हैं।
इस ऑपरेशन में शामिल डीएसपी रैंक के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर दैनिक भास्कर को बताया कि TRE-3 के पहली पाली का पेपर लीक हो गया है। सॉल्वर गैंग के पास से बरामद क्वेश्चन पेपर और परीक्षा में बांटे गए प्रश्न पत्र हू-बू-हू मैच कर गए हैं। बिहार-झारखंड के कई जिलों में अभी भी EOU की छापेमारी जारी ।सॉल्वर गैंग के इस रैकेट में बड़े स्तर के अधिकारी की मिलीभगत की बात भी सामने आ रही है। बैंक्वेट हॉल से पुलिस एक स्कॉर्पियो जब्त की है जिसमें हेल्थ डिपार्टमेंट के डिप्टी सेक्रेटरी का बोर्ड लगा हुआ है।
लैपटॉप और प्रोजेक्टर से सॉल्व करा रहे थे क्वेश्चन
EOU के सूत्रों की मानें तो लगभग 400 कैंडिडेट को 3-4 दिन पहले एंबुलेंस से बिहार के अलग-अलग जिलों से झारखंड के हजारीबाग के कोहीनूर बैंक्वेट हॉल लाया गया था। यहां इनसे TRE-3 के क्वेश्चन पेपर सॉल्व कराए जा रहे थे।इसके लिए प्रति कैडिडेट 10-15 लाख में डील हुई थी। सभी को क्वेश्चन पेपर देने के बजाय लैपटॉप, पेन ड्राइव और प्रोजेक्टर की मदद से सवालों के जवाब का रट्टा मरवाया जा रहा था। रेड के दौरान इनके पास पेन ड्राइव, लैपटॉप, प्रोजेक्टर बरामद किए गए हैं।
रात भर हजारीबाग में KH तलाशती रही पुलिस
हजारीबाग के KH (कोहिनूर बैंक्वेट) में सॉल्वर गैंग इस तरह की घटना को अंजाम दे रहा है इसकी सूचना बिहार पुलिस को गुरुवार रात को मिली। सूचना मिलते ही बिहार पुलिस और EOU की टीम हरकत में आ गई। IPS रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम बनाई गई।
हजारीबाग पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद पुलिस पूरी रात तक KH को तलाशते रही। सुबह साढ़े 6 बजे पुलिस की टीम इसे डिकोड कर पाई और शहर के बैंक्वेट हॉल कोहिनूर में रेड की। पुलिस के पहुंचने से पहले ही आधे बच्चे पहली सिटिंग की परीक्षा के लिए निकल चुके थे ।EOU को सूचना मिली की तीन बस और कई लग्जरी गाड़ियों से कैंडिडेट पटना, बिहारशरीफ और बेगूसराय के लिए निकले हैं। तत्काल बस मालिक की मदद से सभी बस का लोकेशन ट्रेस किया गया। इसके बाद सभी बसों को झारखंड-बिहार बॉर्डर के बरही, पदमा, कटकमसांडी कोर्रा और हजारीबाग के अलग-अलग थानों में पहुंचाया गया।यहां कैंडिडेट को हिरासत में लिया गया। हालांकि बस को थाने में जाता देख आधे से ज्यादा कैंडिडेट भागने में सफल रहे। इसके बाद देर शाम सभी कैंडिडेट को हजारीबाग लाया गया।
जिस पम्मी बस से कैंडिडेट को हजारीबाग से बिहार के अलग-अलग केंद्रों पर लाया जा रहा था,उस बस सर्विस से जुड़े एक कर्मचारी ने ऑफ रिकॉर्ड दैनिक भास्कर को बताया कि सुबह 3 बजे बस की बुकिंग की गई थी।एडवांस के तौर पर उन्हें 10 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए थे। उन्होंने बताया कि बिहारशरीफ, नालंदा और पटना पहुंचाने की डील फाइनल हुई थी। बेगूसराय जाने से मना कर दिया था।
5 लोगों के रैकेट में बड़े अधिकारी भी शामिल
EOU सूत्रों की मानें तो सॉल्वर गैंग के इस रैकेट में मुख्य साजिशकर्ता नालंदा और पटना का है। 5 लोग मिलकर इस पूरे रैकेट को चला रहे थे। इसमें बड़े अधिकारी के मिलीभगत की बात भी सामने आ रही है। हालांकि पुलिस फिलहाल कुछ भी बोलने से बच रही है।होटल से पुलिस हेल्थ विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी का बोर्ड लगा स्कॉर्पियो भी जब्त की है। हालांकि इसे प्राइवेट गाड़ी बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो सॉल्वर गैंग ने हजारीबाग को अपना ठिकाना बनाया था, यहीं से बिहार के अलग-अलग जिले में क्वेश्चन को पहुंचाया जा रहा था।
एडमिट कार्ड रखा गया था गिरवी
डील के मुताबिक पूरा पैसा परीक्षा पास होने के बाद देना था। इसके बदले कैंडिडेट के ओरिजिनल डॉक्यूमेंट गिरवी के तौर पर रख लिए गए थे। उन्हें कहा गया था कि पैसे देने के बाद इसे उन्हें लौटा दिया जाएगा।अब EOU इस बात की तहकीकात में जुटी हुई है कि इस गैंग के नेटवर्क का तार कहां तक फैला है। क्या सभी विषय की परीक्षा के पेपर लीक हो गए हैं? हजारीबााग की तरह कितने जगहों पर इस तरह क्वेश्चन सॉल्व कराए जा रहे हैं।’,सोर्स; भास्कर।