बिहार-झारखंड के बीच रेल संपर्क आसान करेगा बटेश्वरनाथ रेल पुल,लोगों को मिलेगा फायदा
पटना। Bateshwarnath Rail Bridge: भागलपुर के कहलगांव में गंगा पर प्रस्तावित विक्रमशिला-कटरिया रेल पुल प्रोजेक्ट का काम आगे बढ़ने वाला है। इससे बिहार-झारखंड के निवासियों का आना-जाना आसान हो जाएगा।इस योजना के तहत भागलपुर की तरफ बटेश्वर स्थान से गंगा के दूसरी ओर नवगछिया के कटरिया तक नई रेल लाइन बनेगी। इससे गंगा के दोनों किनारे जुड़ जाएंगे। बिहार के सीमांचल के जिले पूर्णिया, कटिहार, अररिया एवं किशनगंज से आगे रांची तक की रेल से सफर करना आसान हो जाएगा।
रेलमंत्री अश्विन वैष्णव ने दी स्वीकृती
गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे की पहल पर इस 23 किलोमीटर ऐतिहासिक बाइपास लाइन के लिए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी सहमति दे दी है। रेलमंत्री ने कहा है कि कैबिनेट के स्तर पर इसकी स्वीकृति की प्रक्रिया चल रही है और बहुत जल्द काम आगे बढ़ेगा।डेढ़ सौ किलोमीटर लंबी यह रेल लाइन देवघर से हंसडिहा- गोड्डा-पीरपैंती-विक्रमशिला-बटेश्वर स्थान से नौगछिया में मिलेगी। इस लाइन का 127 किलोमीटर का काम हो चुका है। बटेश्वर स्थान के पास गंगा के दोनों छोरों को रेल पुल के जरिए जुड़ने से रेलवे लाइन का 23 किलोमीटर और विस्तार हो जाएगा।
पांच बाइपास का भी काम करेगी ये लाइन
उल्लेखनीय है कि रेल मंत्रालय ने बटेश्वर स्थान से कटारिया रेल पुल के सर्वे का कार्य पिछले वर्ष ही पूरा कर लिया था। देवघर से हंसडिहा, गोड्डा एवं पीरपैंती होते हुए यह गंगा पुल नौगछिया से जुड़ेगा। यह लाइन हावड़ा-पटना, देवघर-दुमका, भागलपुर-रामपुरहाट, जमालपुर-हावड़ा-मालदा एवं पटना-बरौनी और कटिहार सहित पांच रेल लाइनों के बाइपास का भी काम करेगा।अभी हाल में ही गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पहल के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देवघर, बासुकिनाथ, गोड्डा, जामताड़ा आदि स्टेशनों के विकास के लिए सौ करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास किया।
झारखंड और बिहार दोनों को होगा फायदा
बटेश्वर स्थान पर गंगा पुल बनने से बटेश्वर स्थान, विक्रमशिला, चंपापुरी, मंदार, तारापीठ, देवघर, पारसनाथ एवं बासुकीनाथ पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित हो जाएंगे। झारखंड-बिहार दोनों को फायदा होगा। विकास की रफ्तार बढ़ेगी। पलायन का सिलसिला थम सकता है।तीर्थस्थल के रूप में देवघर और पारसनाथ का विकास और तेजी से हो सकेगा। प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना का सर्वाधिक फायदा गोड्डा-पीरपैंती एवं गोड्डा-पाकुड़ रेल लाइन ने उठाया है। गोड्डा-पाकुड़ रेल लाइन के बनने के बाद आसपास का इलाका टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित हो सकेगा।