बिहार मे जमीन की जमाबंदी करने को हर मंगल, बुध और गुरुवार को लगेंगे कैंप
पटना।राज्य में जमीन की बिक्री करने के लिए जमाबंदी अनिवार्य कर दी गई है। यानी, जिस व्यक्ति के नाम से जमीन होगी, वहीं बेच सकेगा। इस नियम के आने के बाद पूर्वजों के नाम से संयुक्त परिवारों की जमीन पर अलग-अलग दखल-कब्जा होने के बावजूद जमाबंदी नहीं होने से बिक्री नहीं हो रही हैशादी-विवाह और इलाज के लिए लोग अपनी जमीन नहीं बेच पा रहे हैं। इसकी शिकायत मिलने के बाद निबंधन विभाग के प्रस्ताव पर भूमि सुधार विभाग ने सभी डीएम को शिविर लगाकर जमाबंदी कायम कराने का आदेश दिया है।
सभी हलकों में सार्वजनिक स्थलों पर होगा आयोजन
प्रत्येक सप्ताह मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को पंचायत सरकार भवन, ग्राम कचहरी भवन, सामुदायिक भवन और अन्य चिह्नित सार्वजनिक स्थलों पर कैंप लगेंगे। डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने सभी सीओ को सभी हलकों के सार्वजनिक स्थानों को चिह्नित कर कैंप लगाने का निर्देश दिया है। इसमें वंशावली और बंटवारा के आधार पर नामांतरण से संबंधित आवेदन, परिमार्जन से संबंधित आवेदन लिया जाएगा।किसी हलका कर्मचारी पर तीन से अधिक प्रभार होने पर शुक्रवार को भी कैंप लगेगा।
अंचल कार्यालय में भी खुलेगा अलग काउंटर
डीएम ने सीओ को अंचल कार्यालय में अलग काउंटर खोलने का निर्देश दिया है। शिविर के अलावा लोग यहां भी वंशावली और बंटवारा के आधार पर नामांतरण और परिमार्जन से संबंधित आवेदन जमा कर सकेंगे।
पारिवारिक बंटवारा के आधार पर जमाबंदी
तय नियम के अनुसार पंचायत सचिव की रिपोर्ट के आधार पर सरपंच वंशावली जारी करेंगे। इसके आधार पर संयुक्त जमाबंदी में अलग-अलग हिस्सेदारों के नाम से नामांतरण के लिए बंटवारा पत्र देंगे। इसके आलोक में अलग-अलग जमाबंदी कायम होगी।
दाखिल-खारिज और नामांतरण में अंतर
पुरानी जमाबंदी से अलग-अलग हिस्सेदारों के नाम से नई जमाबंदी कायम करने वाले आवेदन को नामांतरण कहा जाता है। जमीन की बिक्री होने पर खरीदार के नाम से दाखिल-खरिज किया जाता है।